मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे कॉलोनी मेट्रो कार शेड परियोजना पर लगाई रोक

Published : Nov 29, 2019, 08:30 PM ISTUpdated : Nov 29, 2019, 08:43 PM IST
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे कॉलोनी मेट्रो कार शेड परियोजना पर लगाई रोक

सार

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शहर की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड (मेट्रो कोच रखरखाव स्थल) के निर्माण पर शुक्रवार को रोक लगाने की घोषणा की वहां इस कार्य के लिये पिछले महीने पेड़ काटे जाने के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ था हालांकि, भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस ऐलान की निंदा की है

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शहर की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड (मेट्रो कोच रखरखाव स्थल) के निर्माण पर शुक्रवार को रोक लगाने की घोषणा की। वहां इस कार्य के लिये पिछले महीने पेड़ काटे जाने के विरोध में जबरदस्त प्रदर्शन हुआ था। हालांकि, भाजपा ने मुख्यमंत्री के इस ऐलान की निंदा की है। ठाकरे ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने मुंबई मेट्रो रेल परियोजना के काम पर रोक नहीं लगाई है। शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन की सरकार का नेतृत्व कर रहे ठाकरे ने गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

अक्टूबर में महाराष्ट्र की भाजपा नीत तत्कालीन सरकार को उस वक्त पर्यावरण कार्यकर्ताओं की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब कार शेड के लिये आरे कॉलोनी में दो हजार से ज्यादा पेड़ काट दिये गए। यह कॉलोनी संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान के बगल में है। देवेंद्र फडणवीस सरकार में उस वक्त सहयोगी पार्टी रही शिवसेना ने पेड़ों को काटे जाने का विरोध किया था।

2600 से ज्यादा पेड़ काटे गए थे

ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ''मैंने आरे कारशेड के काम रोक दिया है। मैं इन सबकी समीक्षा करूंगा...मैं उस संस्कृति की इजाजत नहीं दूंगा जिसमें रात में पेड़ काटे जाते हैं।'' मंत्रालय में मुख्यमंत्री के तौर पर पदभार ग्रहण करने के ठीक बाद पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने कहा, ''अगले आदेश तक तक पेड़ का एक पत्ता भी नहीं काटा जाएगा।'' उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने पिछले महीने आरे कॉलोनी इलाके में पौधरोपण और पेड़ों को काटे जाने की तस्वीरों के साथ एक स्थिति रिपोर्ट तलब की थी।

बंबई उच्च न्यायालय ने चार अक्टूबर के अपने आदेश में आरे कॉलोनी को वन घोषित करने से इनकार करते हुए हरित क्षेत्र में मेट्रो कार शेड बनाने के लिये 2600 से ज्यादा पेड़ों को काटने के नगर निगम के फैसले को रद्द करने से इनकार कर दिया था। अदालत से हरी झंडी मिलने के कुछ ही घंटों के अंदर रातों रात पेड़ काट दिये गए थे, जिसे लेकर पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने काफी आक्रोश व्यक्त किया था।

फडणवीस ने जताई नाराजगी

ठाकरे की घोषणा पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनके पूर्ववर्ती देवेंद्र फडणवीस ने कहा,''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बावजूद प्रदेश सरकार ने आरे मेट्रो कार शेड के काम पर रोक लगा दी।'' फडणवीस ने हैशटैग #सेव मेट्रो सेव मुंबई के साथ ट्वीट किया, ''यह दर्शाता है कि प्रदेश सरकार मुंबई की आधारभूत परियोजनाओं को लेकर गंभीर नहीं है। और इसका नुकसान अंतत: आम मुंबईवासियों को उठाना पड़ेगा।'' फडणवीस ने आगे कहा कि जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जीआईसीए) ने बेहद मामूली दर पर मेट्रो परियोजना के लिये 15 हजार करोड़ रुपये दिये थे।

फडणवीस ने कहा, ''जैसा फैसला ठाकरे द्वारा लिया गया उससे निवेशक हतोत्साहित होंगे और सभी आधारभूत परियोजनाएं बाधित होंगी जिनमें पहले ही पूर्व की कांग्रेस-राकांपा सरकार के 15 सालों के शासन में 'बेहद देर' हो चुकी है।'' भाजपा विधायक आशीष शेलार ने भी इस फैसले को लेकर सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, ''विकास की गति पर विपरीत असर पड़ेगा जब आप 'तीर-धुनष' के 'हाथ' पर 'घड़ी' बांध देंगे।'' शिवसेना का चुनाव चिह्न तीर-धनुष है जबकि राकांपा का चुनाव निशान घड़ी और कांग्रेस का हाथ का पंजा है।

शेलार ने ट्वीट किया, ''मेट्रो परियोजना के कारशेड के काम को रोकना जो 70 फीसद बन चुका है, वह मुंबईवासियों के लिये निंदनीय है...मुंबईवासियों से जुड़े मुद्दों का राजनीतिकरण सही नहीं है।''

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)

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