BJP ने क्यों दिया शिंदे को मौका, जिस CM की कुर्सी के लिए फडणवीस 2.5 साल से लगे रहे उसे क्यों छोड़ना पड़ा

Maharashtra Political crisis ढाई साल पहले शिवसेना को मुख्यमंत्री पद को लेकर अलग होने वाली बीजेपी, अचानक से बागी शिवसेना गुट को आसानी से मुख्यमंत्री की कुर्सी क्यों सौंप दी, समझिए inside story
 

Dheerendra Gopal | Published : Jun 30, 2022 12:26 PM IST

मुंबई। कई दिनों से चल रही महाराष्ट्र की द ग्रेट पॉलिटिकल ड्रामा पर से गुरुवार को पर्दा उठ गया। सारे कयासों पर विराम चल चुका है और एकनाथ शिंदे को सीएम की कुर्सी सौंपने का ऐलान हो चुका है। एकनाथ शिंदे ने एक दर्जन से अधिक विधायकों के साथ शिवसेना से बगावत की थी, जो संख्या बढ़कर 40 से अधिक हो चुकी है। लेकिन सवाल यह कि जो बीजेपी पिछले ढ़ाई साल से सरकार बनाने को लगातार बेताब थी, वह अचानक से शिंदे को क्यों आगे कर दी जबकि बागी नेता एकनाथ शिंदे, पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार बनाने को राजी थे। ढाई साल पहले शिवसेना को मुख्यमंत्री पद को लेकर अलग होने वाली बीजेपी, अचानक से बागी शिवसेना गुट को आसानी से मुख्यमंत्री की कुर्सी क्यों सौंप दी, समझिए प्वाइंट्स में...

इसलिए बीजेपी ने सौंपी कुर्सी....

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, बीते दिनों 21 जून को शिवसेना के सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। वह कई दर्जन विधायकों के साथ पहले सूरत पहुंचे। सियासी पारा चढ़ने के बाद शिंदे अपने विधायकों के साथ असम पहुंचे। यहां वह एक फाइव स्टार होटल में 40 से अधिक विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 40 बागियों व दस अन्य का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। शिंदे ने 24 जून की रात में वडोदरा में अमित शाह व देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं पर वह और बीजेपी के नेताओं ने बातचीत की है। हालांकि, चुपके से देर रात में हुई मुलाकात के बाद शिंदे, स्पेशल प्लेन से वापस गुवाहाटी पहुंच गए।

उधर, शिंदे को पहले तो शिवसेना के नेताओं ने मनाने की कोशिश की लेकिन अब फ्लोर टेस्ट और कानूनी दांवपेंच चला जाने लगा है। दरअसल, शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने सारे बागियों को वापस आने और मिलकर फैसला करने का प्रस्ताव दिया। उद्धव ठाकरे की ओर से प्रवक्ता संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर एनसीपी व कांग्रेस से बागी गुट चाहता है कि गठबंधन तोड़ा जाए तो विधायक आएं और उनके कहे अनुसार किया जाएगा। लेकिन सारे प्रस्तावों को दरकिनार कर जब बागी गुट बीजेपी के साथ सरकार बनाने का मंथन शुरू किया तो उद्धव गुट सख्त हो गया।

बुधवार को उद्धव गुट को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा। कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट रोकने से मना कर दिया। इसके बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि, माना जा रहा था कि बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की शपथ लेंगे। लेकिन गुरुवार को फडणवीस ने शीर्ष नेतृत्व के कहने पर एकनाथ शिंदे के सीएम पद की कुर्सी सौंपने का ऐलान कर दिया। 

इसके पहले राज्यपाल ने मुख्यमंत्री पद से उद्धव ठाकरे का इस्तीफा मंजूर कर लिया। लिहाजा विधानसभा के विशेष सत्र को स्थगित कर दिया गया है। अब फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। बता दें कि 11 बजे से विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होना था। इससे पहले बुधवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा फ्लोर टेस्ट कराने को हरी झंडी मिलने के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वे खुद गाड़ी चलाकर राजभवन पहुंचे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) को अपना इस्तीफ सौंप दिया। 

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