ब्रह्मकुमारी की मुखिया दादी हृदयमोहिनी का निधन, नेता-अभिनेता सुनते थे उनके अमृत वचन..लाखों को सिखाया जीना

Published : Mar 11, 2021, 08:26 PM ISTUpdated : Mar 11, 2021, 08:36 PM IST
ब्रह्मकुमारी की मुखिया दादी हृदयमोहिनी का निधन, नेता-अभिनेता सुनते थे उनके अमृत वचन..लाखों को सिखाया जीना

सार

 लाखों लोगों को जीवन में सुख और शांति लाने का तरीका बताने वाली दादी संस्था में कई विभाग को हेड करती थीं। दादी हृदयमोहिनी 46 हजार बहनों की मार्गदर्शक और अभिभावक भी थीं। उनको सुनने के लिए कई नेता और अभिनेता भी आते थे। (फीता काटते हुए दादी हृदयमोहिनी, फाइल फोटो)

जयपुर, चेहरे पर सदा मुस्कान और आंखों में ईश्वर के प्यार की चमक रखने वाली प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की मुखिया राजयोगिनी दादी हृदयमोहिनी का गुरुवार को देवलोक गमन हो गया। उन्होंने गरुवार को मुंबई के एक निजी अस्पताल में 93 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। यह खबर पता चलते ही धार्मिक और राजनीतिक जगत में शोक की लहर दौड़ गई।  दादी के निधन पर छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित अन्य बड़ी हस्तियों ने भावपूर्ण श्रद्धांजलि दी है।

माउंट आबू में 13 मार्च को होगा अंतिम संस्कार
दादी हृदयमोहिनी का पार्थिव देह मुंबई से एयर एंबुलेंस के जरिए राजस्‍थान के आबू रोड शांतिवन में अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय लाया गया। जहां शुक्रवार तक उनके  पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए शांतिवन में रखा जाएगा। जिसके बाद 13 मार्च को माउंट आबू के ज्ञान सरोवर अकादमी में अंतिम संस्कार किया जाएगा। 

ब्रह्म कुमारीज की प्रशासनिक प्रमुख थीं दादी
आध्यात्मिक संगठन ब्रह्म कुमारी के सूचना निदेशक बीके करुणा ने बताया कि दादी हृदयमोहिनी जी पिछले कुछ समय से बीमार चल रहीं थीं। जिनका इलाज मुंबई के सैफी हॉस्पिटल में चल रहा था। एक साल पहले अपनी पूर्व प्रमुख दादी जानकी की मृत्यु के बाद मोहिनी को संगठन के मुख्य प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था।

चेहरे पर बनी रहती थी मीठी मुस्कान 
बता दें कि दादी हृदयमोहिनी जी ब्रह्म कुमारीज की प्रशासनिक प्रमुख थीं। उन्हें लोग गुलजार के नाम से प्यार से पुकारते थे। उनके नाम 'जो दिलों को आकर्षित करता है'। ठीक इसी तरह वह भी लोगों में लोकप्रिय रही हैं। अक्सर उनके चेहरे पर मीठी मुस्कान बनी रहती थी।

नेता-अभिनेता सुनते थे उनके अमृत वचन
अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस, सेमिनार में लाखों लोगों को जीवन में सुख और शांति लाने का तरीका बताने वाली दादी संस्था में कई विभाग को हेड करती थीं। दादी हृदयमोहिनी 46 हजार बहनों की मार्गदर्शक और अभिभावक भी थीं। उनको सुनने के लिए कई नेता और अभिनेता भी आते थे। क्योंकि वह परमात्मा के संदेश फैलाती थीं। उनका जन्म वैसे तो  कराची में हुआ था। लेकिन उन्होंने पूरे विश्व को अपना घर समझा और लोगों को धर्म और ईश्वर के बताए रास्ते पर चलने का संदेश दिया।

PREV

मुंबई-पुणे से लेकर पूरे महाराष्ट्र की राजनीति, बिज़नेस गतिविधियाँ, बॉलीवुड अपडेट्स और लोकल घटनाओं पर हर पल की खबरें पढ़ें। राज्य की सबसे विश्वसनीय कवरेज के लिए Maharashtra News in Hindi सेक्शन फॉलो करें — केवल Asianet News Hindi पर।

Recommended Stories

पूर्व केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल का 90 साल की उम्र में निधन, जानिए उनका राजनीतिक सफर
गोवा रोमियो लेन नाइट क्लब विवाद: मुंबई की टूरिस्ट वैभवी ने बयां किया डरावना अनुभव