पुणे में दर्दनाक हादसा, सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान चार मजदूरों का दम घुटा, तड़प-तड़पकर मौत

दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस हादसे में मरने वाले व्‍यक्ति की पहचान 60 वर्षीय इब्राहिम के रूप में हुई है। वहीं स्‍थानीय लोग इस हादसे के लिए नगर निकाय को जिम्‍मेदार ठहरा रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 2, 2022 9:31 AM IST / Updated: Mar 02 2022, 04:06 PM IST

पुणे : महाराष्ट्र (Maharashtra) के पुणे (Pune) में एक दर्दनाक हादसे में चार लोगों की मौत हो गई। हादसा कालभोर गांव में सैप्टिक टैंक की सफाई के दौरान हुआ। बुधवार सुबह करीब 11.30 बजे कदम वाक बस्ती में हुई। चार लोग एक मकान के सैप्टिक टैंक को साफ कर रहे थे, उसी दौरान उनका दम घुटने लगा और वे बेहोश हो गए। जैसे ही इसकी सूचना मिली फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची, चारों को बाहर निकाला और उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया।

टैंक से निकालने से पहले ही मौत
पुलिस के मुताबिक जहां यह हादसा हुआ है वह जगह पुणे से करीब 15 किलोमीटर दूर है। सैप्टिक टैंक की सफाई के लिए लाए गए चार लोगों की दम घुटने से मौत हो गई। जब पहले एक शख्स को टैंक से बाहर निकाला गया वह बेहोश था। उसे पास के अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने बताया कि अन्य तीन को इसके तत्काल बाद टैंक से बाहर निकाला गया, लेकिन उनकी पहले ही मौत हो चुकी थी।

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बारी-बारी से टैंक में घुसे थे चारों
लोनी कालभोर पुलिस स्टेशन के प्रभारी वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र मोकाशी ने बताया कि मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। उनके मुताबिक पहले टैंक की सफाई के लिए सिर्फ दो लोग आए थे। इसके बाद दो और वहां पहुंचे और सभी टैंक में बारी-बारी से उतर गए। मृतकों में शामिल चारों लोग इस आवासीय सोसायटी के दैनिक कामकाज में मदद करते थे। उन्‍होंने कहा कि मृतकों की पहचान की जा रही है।

इस तरह के हादसे में 600 से ज्यादा जान जा चुकी है
एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक पिछले 10 सालों में सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान अब तक 600 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग ने सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान साल 2010 से मार्च 2020 के बीच हुई मौतों के संबंध में सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी दी है। इस दौरान 631 लोगों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा मौतें साल 2019 में 115 लोगों की हुई थी। वहीं बीते 10 सालों में इस वजह से सबसे ज्यादा 122 लोगों की मौत तमिलनाडु में हुई। इसके बाद उत्तर प्रदेश में 85, दिल्ली और कर्नाटक में 63- 63 गुजरात में 61 और हरियाणा में 50 लोगों की मौत हुई है।

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