एनसीपी चीफ (NCP Chief) शरद पवार ने कहा कि पंजाब (Punjab) को अशांत करने की देश ने बड़ी कीमत चुकाई है। यहां तक कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसलिए सीमावर्ती राज्य के किसानों (Farmers) की मांग पर ध्यान देना चाहिए। पवार का ये बयान किसानों को भड़काने वाला माना जा रहा है।
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार ने किसान आंदोलन (Farmers Protest) को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की हत्या का जिक्र किया और कहा कि पंजाब (Punjab) के किसानों को परेशान नहीं करना चाहिए। उनका कहना था कि पंजाब सिंह जैसा राज्य है, ऐसे राज्य के बहुसंख्यक किसानों को परेशान नहीं होने देना चाहिए। नहीं तो इसके गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं। अतीत में देश ने इंदिरा गांधी की हत्या के रूप में इसकी कीमत चुकाई। पवार का बयान ऐसे मौके पर सामने आया है जब किसान आंदोलन के बीच सिंघु बॉर्डर (Singhu Border) पर एक युवक की हत्या हो गई है। पवार के बयान पर बीजेपी ने कड़ी आपत्ति जताई है।
भाजपा के राज्यसभा सांसद अनिल अग्रवाल ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा- पवारजी ऑपरेशन ब्लू स्टार से तथाकथित किसान आंदोलन की तुलना कर रहे हैं। वो बिल्कुल गलत है। भड़काऊ बयान है। इसके गलत परिणाम हो सकते हैं। वरिष्ठ नेता को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए था। ये कुत्सित राजनीति की कोशिश है।
किसान के मसले पर संवेदनशीलता के साथ निपटे सरकार
दरअसल, दिल्ली की सीमाओं पर करीब सालभर से किसान आंदोलन चल रहा है। इसे लेकर शनिवार को पवार ने राय रखी और अपनी चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को नए कृषि कानूनों के मसले पर संवेदनशीलता के साथ निपटना चाहिए। ध्यान रखना चाहिए कि अधिकतर प्रदर्शनकारी पंजाब से हैं, जो एक सीमावर्ती राज्य है। उन्होंने कहा कि पूर्व में पंजाब को अशांत करने की कीमत देश भुगत चुका है। वह पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की खालिस्तानी आतंकवाद के दौरान हत्या का जिक्र कर रहे थे।
पंजाब के किसानों को परेशान मत कीजिए
पवार पुणे के पिंपरी में मीडिया से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘मैं वहां (प्रदर्शन स्थल पर) दो- तीन बार गया। केंद्र सरकार का रुख तार्किक नहीं लगता है। आंदोलन में हिस्सा ले रहे लोग हरियाणा और उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के हैं, लेकिन उनमें से अधिकतर पंजाब के हैं। ‘केंद्र सरकार को मेरी सलाह है कि पंजाब के किसानों को परेशान मत कीजिए, यह सीमावर्ती राज्य है। अगर हम सीमावर्ती क्षेत्रों के किसानों और लोगों को परेशान करते हैं, तो उसके अलग परिणाम होंगे। हमारे देश ने पंजाब को अशांत करने की कीमत चुकाई है, यहां तक कि इंदिरा गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री) को अपनी जान गंवानी पड़ी। दूसरी तरफ पंजाब के किसान चाहे वे सिख हों या हिंदू, उन्होंने खाद्य आपूर्ति में भागीदारी निभाई है।’
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कुर्बानी देने वालों की तरफ ध्यान देना चाहिए
पवार ने कहा कि सीमावर्ती इलाके के लोगों को सुरक्षा से जुड़े कई मुद्दों का सामना करना पड़ता है, जो महाराष्ट्र जैसे राज्यों में रहने वाले लोगों को नहीं करना पड़ता। पवार ने कहा- ‘इसलिए जो लोग कुर्बानी देते हैं, वे लंबे समय से कुछ मांगों को लेकर विरोध में बैठे हैं और देश को चाहिए कि उनकी तरफ ध्यान दिया जाए।’