पांच अक्टूबर (भाषा) वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन में कभी कोई ‘बड़ा भाई’ नहीं रहा। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि ये दोनों पार्टियां 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के आसन्न चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतेंगी।
नई दिल्ली. पांच अक्टूबर (भाषा) वरिष्ठ भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन में कभी कोई ‘बड़ा भाई’ नहीं रहा। साथ ही उन्होंने विश्वास जताया कि ये दोनों पार्टियां 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा के आसन्न चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतेंगी।
भाजपा करती है चौबीस घंटे काम
जावड़ेकर ने कहा कि भाजपा चौबीसों घंटे और सातों दिन (24/7) काम करने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि 2019 के आम चुनाव खत्म होते ही, पार्टी ने अगले चुनाव की तैयारी शुरू कर दी थी।
कांग्रेस के पास अध्यक्ष का विकल्प नहीं
केंद्रीय मंत्री ने यहां पीटीआई मुख्यालय में समाचार एजेंसी के पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस दो महीने तक अपने अध्यक्ष का विकल्प तलाश नहीं कर पाई। इन दो महीनों में हमारे पास एक नया कार्यकारी अध्यक्ष था। हमने विशाल सदस्यता अभियान शुरू किया और आठ करोड़ सदस्य जोड़ इसे (भाजपा को) 19 करोड़ सदस्य वाली पार्टी बनाया।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हम जमीन पर काम कर रहे हैं और हमारा जोर बूथ पर है। हम 24/7 लोगों के बीच रहे जिसके लिए लोगों ने हमें पुरस्कृत किया।’’ इस सवाल पर कि विपक्ष दावा कर रहा है कि स्थानीय मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए भाजपा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाने का मुद्दा उठा रही है, जावड़ेकर ने कहा कि लोगों के मन में यह बात है इसलिए वे इस मुद्दे पर बात कर रहे हैं।
शिवसेना और बीजेपी में कोई बड़ा छोटा नहीं
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा-शिवसेना गठबंधन में मीडिया ने ‘बड़ा भाई’ शब्द गढ़ा है और स्पष्ट किया कि गठबंधन में किसी ने भी इसकी घोषणा नहीं की। जावड़ेकर ने यह भी विश्वास जताया कि दोनों पार्टियां महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में आराम से बहुमत हासिल कर लेंगी।
उन्होंने कहा, ‘‘ हम गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रहे हैं और गठबंधन 200 से ज्यादा सीटें जीतेगा। हमें इसका पूरा विश्वास है।’’
288 सीटों पर चुनाव
विधानसभा की 288 सीटों में से शिवसेना 124 पर अपने उम्मीदवार उतारेगी, आरपीआई और आरएसपी जैसे राजग के छोटे घटक दल 14 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे जबकि शेष 150 सीटों पर भाजपा अपने प्रत्याशी उतारेगी। शिवसेना को विधान परिषद में भाजपा के कोटे से दो सीटें मिलने की भी उम्मीद है। शिवसेना और भाजपा ने 2014 का चुनाव अलग अलग लड़ा था।