विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले एक-एक विधायक का समर्थन बहुत ही अहम हो गया है। फड़णवीस की शपथ में शामिल हुए विधायकों में भी अधिकतर विधायक वापस NCP के पास लौट आए हैं। इसके बाद भाजपा सभी निर्दलीय विधायकों को अपने खेमे में लाने में जुट गई है
मुंबई. देवेन्द्र फड़णवीस के शपथ लेने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ आ गया है। पहले से ही महाराष्ट्र में त्रिशंकु सरकार बनाने में जुटी कांग्रेस, शिवसेना और NCP ने अपने सभी विधायकों को होटल में कैद कर लिया है। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले एक-एक विधायक का समर्थन बहुत ही अहम हो गया है। फड़णवीस की शपथ में शामिल हुए विधायकों में भी अधिकतर विधायक वापस NCP के पास लौट आए हैं। इसके बाद भाजपा सभी निर्दलीय विधायकों को अपने खेमे में लाने में जुट गई है ताकि देवेन्द्र फड़णवीस फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित कर पाएं और मुख्यमंत्री पद से उन्हें इस्तीफा न देना पड़े।
भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उन्होंने NCP के 54 और 29 अन्य विधायकों के समर्थन का दावा कर मुख्यमंत्री की शपथ ली थी, पर शपथ के बाद NCP के विधायकों का समर्थन स्पष्ट नहीं है। वहीं NCP कांग्रेस और शिवसेना भी साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं और छोटी पार्टियों सहित निर्दलीय विधायकों की अहमियत बढ़ गई है। हम आपको इन्हीं विधायकों के बारे में बता रहे हैंस जिन्हें हर पार्टी अपने साथ लाना चाह रही है।
किस पार्टी के पास कितने विधायक
पार्टी | विधायकों की संख्या |
---|---|
शिवसेना | 56 |
कांग्रेस | 44 |
NCP | 54 |
भाजपा | 105 |
बहुजन विकास आघाडी | 3 |
CPI | 1 |
जन सुराज्य शक्ति | 1 |
क्रांतिकारी शेतकारी पार्टी | 1 |
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना | 1 |
PWPI | 1 |
प्राहर जनशक्ति पार्टी | 2 |
राष्ट्रीय समाज पक्ष | 1 |
समाजवादी पार्टी | 2 |
स्वाभिमानी पक्ष | 1 |
निर्दलीय | 13 |
AIMIM | 2 |
कुल | 288 |
खेमा बदलने को तैयार नहीं निर्दलीय विधायक
महाराष्ट्र के सभी निर्दलीय विधायकों ने किसी भी पार्टी को समर्थन देने को लेकर अपना मत साफ कर दिया है। इन विधायकों का कहना है कि वो उस पार्टी को ही अपना समर्थन देंगे, जिसे पहले दिया था। भाजपा की बागी नेता गीता जैन ने स्पष्ट कर दिया है कि वो भाजपा को ही समर्थन देंगी। जैन ने कहा है, "मैंने पहले ही बीजेपी को समर्थन दे दिया है और मैं अपना रुख कभी नहीं बदलूंगी क्योंकि मैं दिल से एक बीजेपी कार्यकर्ता हूं।" जनसख्त पार्टी के संस्थापक बाटू कुडु ने भी शिव सेना को ही अपना समर्थन देन की बात कही है।
विपक्ष में ही रहेंगे ओवैसी के विधायक
असदुद्दीन ओवैशी के विधायक विपक्ष में ही रहेंगे। उनकी पार्टी AIMIM के दो विधायक हैं और दोनों विधायकों ने विपक्ष में रहने को लेकर अपना मत स्पष्ट कर दिया है। इन विधायकों का कहना है कि हमारे नेता ओवैशी ने कहा है कि हम ना तो भाजपा को समर्थन देंगे और ना ही कांग्रेस या शिवसेना के साथ जाएंगे। हम अपने नेता के फैसले को स्वीकार करते हैं और हमारा भी यही मत है।
कैसे सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं दोनों पक्ष
महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं और राज्य में सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन चाहिए होता है। भाजपा के पास 105 विधायक हैं और फड़णवीस ने 54 NCP और 8 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का दावा कर सरकार बनाई है। इस तरीके से भाजपा अपने साथ 167 विधायक होने का दावा कर रही है, जबकि NCP ने दावा किया है कि उसके पास अभी भी 49 विधायक हैं और शिवसेना के पास 56, जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। ये पार्टियां 8 निर्दलीय विधायकों के समर्थन का भी दावा कर रही हैं। इस तरीके से यह गठबंधन भी 157 विधायकों के समर्थन का दावा कर रहा है।