SC का बड़ा फैसला-मराठा समुदाय को दिया गया आरक्षण असंवैधानिक, राज्य में 12 % मराठाओं को मिला था आरक्षण

सुनवाई के दौरान संवैधानिक बेंच ने सभी राज्यों को नोटिस जारी किया था। कई राज्यों में 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण दिया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट इसके पीछे राज्य सरकारों का तर्क जानना चाह रहा है।

महाराष्ट्र । बांबे हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को फैसला सुनाया। महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को दिए आरक्षण को असंवैधानिक करार दिया है। कोर्ट ने कहा कि 50 प्रतिशत आरक्षण सीमी तय करने वाले फैसले पर फिर से विचार की जरूरत नहीं है। मराठा आरक्षण इस 50 फीसदी सीमा का उल्लंघन करता है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले को सही ठहराया था।

पहले की नियुक्तियों में भी नहीं की जाएगी छेड़छाड
सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस एस रवींद्र भट की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि पीजी मेडिकल पाठ्यक्रम में पहले किए गए दाखिले बने रहेंगे। पहले की सभी नियुक्तियों में भी छेड़छाड नहीं की जाएगी। इन पर फैसले का असर नहीं होगा। देश की शीर्ष अदालत के तीन जजों की बेंच ने सितंबर 2020 में आरक्षण पर रोक लगाते हुए इसे 5 जजों की बेंच को ट्रांसफर कर दिया था। अब इसी पर अदालत ने फैसला सुनाया है।

Latest Videos

 मराठा आरक्षण का मसला क्या है?
-महाराष्ट्र में एक दशक से मांग हो रही थी कि मराठा को आरक्षण मिले। 2018 में इसके लिए राज्य सरकार ने कानून बनाया और मराठा समाज को नौकरियों और शिक्षा में 16% आरक्षण दे दिया।
-जून 2019 में बॉम्बे हाईकोर्ट ने इसे कम करते हुए शिक्षा में 12% और नौकरियों में 13% आरक्षण फिक्स किया। हाईकोर्ट ने कहा कि अपवाद के तौर पर राज्य में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50% आरक्षण की सीमा पार की जा सकती है।
-जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट में गया तो इंदिरा साहनी केस या मंडल कमीशन केस का हवाला देते हुए तीन जजों की बेंच ने इस पर रोक लगा दी। साथ ही कहा कि इस मामले में बड़ी -बेंच बनाए जाने की आवश्यकता है। इसके बाद मामला 5 जजों की बेंच के पास गया।
-उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ओबीसी जातियों को दिए गए 27 प्रतिशत आरक्षण से अलग दिए गए मराठा आरक्षण से सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले का उल्लंघन हुआ जिसमें आरक्षण की सीमा अधिकतम 50 प्रतिशत ही रखने को कहा गया था।

Share this article
click me!

Latest Videos

LIVE: शपथ ग्रहण समारोह | रांची, झारखंड
जेल से छूटा कैदी और करने लगा ब्रेक डांस, देखें आजाद होने की ये खुशी #Shorts
अमित शाह के घर से चंद किमी दूर भी सेफ नहीं लोग, Arvind Kejriwal ने जारी किया मैप और जमकर बरसे
बीच में छोड़ी पढ़ाई और हार गए पहला ही चुनाव,अब चौथी बार सीएम बने हेमंत सोरेन । Hemant Soren Oath
महाराष्ट्र: शिंदे बोले- BJP का मुख्यमंत्री मंजूर, सरकार बनाने में कोई बाधा नहीं