Maharashtra Political Crisis:फ्लोर टेस्ट में पास नहीं हो पाए उद्धव ठाकरे तो क्या होगा? बन रहे ये 3 समीकरण

महाराष्ट्र में पिछले 9 दिनों से चल रहा सियासी संकट रुकने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 जून को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। वहीं, शिवसेना इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है, जहां सुनवाई चल रही है। महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट को लेकर कई तरह के समीकरण बन रहे हैं। आइए जानते हैं। 

Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में पिछले 9 दिनों से चल रहा सियासी संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच,   राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 30 जून को शाम 5 बजे तक फ्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया है। वहीं, शिवसेना इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है, जहां सुनवाई चल रही है। शिवसेना की ओर से वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने फ्लोर टेस्ट कराए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि जब 16 विधायकों को अयोग्य करार दिया जा चुका है तो ये फ्लोर टेस्ट में बहुमत का फैसला कैसे कर सकते हैं। अगर गुरुवार को फ्लोर टेस्ट हुआ और उद्धव उसमें पास नहीं हुए तो फिर क्या होगा और किस तरह के समीकरण बनेंगे? आइए जानते हैं। 

1- अगर फ्लोर टेस्ट हुआ तो क्या?
30 जून को अगर फ्लोर टेस्ट होता है और उसमें उद्धव सरकार बहुमत सिद्ध नहीं कर पाई तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी विधानसभा भंग करने का आदेश दे सकते हैं। ऐसे में अगले 6 महीने में महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव कराए जा सकते हैं। 

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2- अगर फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो क्या?
अगर फ्लोर टेस्ट नहीं हुआ तो राज्यपाल बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दे सकते हैं। हालांकि, ऐसा तभी होगा जब बीजेपी के पास कम से कम 144 विधायकों के समर्थन वाला पत्र होगा। 

3- ..तो बागी विधायकों के साथ सरकार बना सकती है BJP
अगर बीजेपी के पास 144 विधायकों के समर्थन वाला लेटर होगा तो बीजेपी शिवसेना के बागी विधायकों के साथ मिलकर अपनी सरकार बना सकती है। अगर ऐसा हुआ तो एनसीपी और कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ेगा। 

क्या है महाराष्ट्र विधानसभा का गणित?
महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं। लेकिन शिवसेना के एक विधायक के निधन के बाद से एक सीट खाली है। ऐसे में 287 सीटों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 144 का आंकड़ा जरूरी है। बीजेपी के पास 106 विधायक हैं। इसके अलावा उसे 6 निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है। यानी अब कुल विधायकों की संख्या 112 है। वहीं, एनसीपी के 53 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। अब अगर शिवसेना के 40 बागी विधायक बीजेपी को समर्थन करते हैं तो उसके विधायकों की संख्या 152 हो जाएगी। वहीं  महाविकास अघाड़ी के पास 113 विधायक रह जाएंगे। 

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