सार
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra election) में विपक्षी दलों के गठबंधन महा विकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) को बड़ा हार मिली है। इसका असर राज्यसभा में इनकी ताकत पर भी पड़ने वाला है। महा विकास अघाड़ी गठबंधन में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी शामिल है। 288 सीटों के लिए चुनाव हुए। कांग्रेस 16, शिवसेना (यूबीटी) ने 20 और एनसीपी (एसपी) ने 10 सीटें ही जीत सकी। इस करारी हार के चलते आने वाले दिनों में इन दलों की ताकत राज्यसभा में घटेगी।
कैसे होता है राज्यसभा सदस्यों का चुनाव?
राज्यसभा में 250 सदस्य हैं। इनमें से 238 सांसदों का चुनाव होता है। इन्हें राज्य के विधानसभाओं के सदस्यों द्वारा चुना जाता है। वहीं, 12 सदस्यों को राष्ट्रपति मनोनित करते हैं। राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए भारत का नागरिक होना जरूरी है। उम्र 30 साल से अधिक होनी चाहिए।
राज्य सभा के सदस्यों का चुनाव अप्रत्यक्ष चुनाव के माध्यम से होता है। विधानसभा का प्रत्येक सदस्य (विधायक) अपनी पसंद के आधार पर उम्मीदवारों को वोट देता है। मतदान एक खुले मतपत्र के माध्यम से किया जाता है। प्रत्येक विधायक केवल एक बार वोट डाल सकता है। राज्य की जनसंख्या के अनुसार राज्यसभा में उसका प्रतिनिधित्व होता है। उत्तर प्रदेश से सबसे अधिक 31 राज्यसभा सांसद चुने जाते हैं। प्रत्येक राज्यसभा सांसद छह साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है। एक तिहाई सीटों के लिए चुनाव हर दो साल में होते हैं।
महाराष्ट्र से चुने जाते हैं 19 राज्यसभा सांसद
महाराष्ट्र से राज्यसभा के 19 सांसद चुने जाते हैं। यदि प्रत्येक विधायक वोट करता है तो कांग्रेस को 16, शिवसेना (यूबीटी) को 20, एनसीपी (शरद पवार) को 10, समाजवादी पार्टी 2 और सीपीआई-एम और पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया को 1-1 वोट मिलेंगे। इस तरह एमवीए को कुल 50 वोट मिलेंगे।
वहीं, दूसरी तरफ सत्ताधारी गठबंधन महायुति को 235 सीटों पर जीत मिली है। राज्यसभा चुनाव में उसके सभी विधायक वोट देते हैं तो कुल 235 वोट पड़ेंगे। महाराष्ट्र के राज्यसभा उम्मीदवार को जीत के लिए कम से कम 15 वोट की जरूरत होगी। इस तरह देखें तो विपक्ष गठबंधन के पास सिर्फ तीन सीट जीतने लायक वोट हैं।
एमवीए के पास राज्यसभा में हैं 7 सांसद
अभी तक एमवीए के पास सात राज्यसभा सांसद हैं। कांग्रेस से इमरान प्रतापगढ़ी, चंद्रकांत हंडोरे और रजनी पटेल; शिवसेना-यूबीटी से प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत; एनसीपी-एसपी से शरद पवार और फौजिया खान राज्यसभा में हैं। इनमें शरद पवार, फौजिया खान, प्रियंका चतुर्वेदी और रजनी पटेल का कार्यकाल 2026 में खत्म हो रहा है। इमरान प्रतापगढ़ी और संजय राउत 2028 में रिटायर होंगे। केवल चंद्रकांत हंडोरे ही राज्यसभा से अगला लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव देखेंगे।
कम संख्याबल के चलते एमवीए को राज्यसभा में अपने उम्मीदवार भेजने में कठिनाई होगी। शरद पवार पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वे सक्रिय राजनीति से संन्यास लेना चाहते हैं। कांग्रेस अपने सहयोगियों पर महाराष्ट्र से राज्यसभा में कम से कम एक सीट देने के लिए दबाव डाल सकती है।
20 विधायकों वाली शिवसेना प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत को फिर से राज्यसभा भेजने के लिए कांग्रेस से समर्थन मांग सकती है। चतुर्वेदी का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वह कांग्रेस को अपना उम्मीदवार भेजने में मदद भी कर सकती है। सपा और वामपंथी दलों और दो निर्दलीयों का समर्थन भी एमवीए को अधिक सीटें नहीं दिला सकता, जब तक कि महायुति के विधायक क्रॉस-वोटिंग न करें।