Covaxin पहली ऐसी वैक्सीन, जिसके सभी ट्रायल भारत में हुए, जानिए वैक्सीनेशन की सफलता की 2 यूनिक बातें

भारत में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण चल रहा है। इसके तहत 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के बीमार लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत देश में भारत बायोटेक की स्वदेशी Covaxin और ऑक्सफोर्ड की covishield का इस्तेमाल किया जा रहा है। 

नई दिल्ली. भारत में वैक्सीनेशन का दूसरा चरण चल रहा है। इसके तहत 60 साल से अधिक उम्र के लोगों और 45 साल से अधिक उम्र के बीमार लोगों को वैक्सीन दी जा रही है। दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीनेशन प्रोग्राम के तहत देश में भारत बायोटेक की स्वदेशी Covaxin और ऑक्सफोर्ड की covishield का इस्तेमाल किया जा रहा है। Covaxin 81% तक असरदार है। बुधवार को ही कंपनी ने इसके तीसरे ट्रायल के नतीजे जारी किए हैं। ऐसे में जानते हैं भारत में वैक्सीनेशन ड्राइव की दो खास बातें

1- इस्तेमाल की मंजूरी का फैसला सही साबित हुआ
- कोवैक्सीन 81% असरदार साबित हुई है। यह भारत के वैज्ञानिक समुदाय के और हमारी प्रक्रियाओं के लिए बड़ा प्रमाण है। यह बताता है कि कैसे भारतीय प्राधिकरण द्वारा वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी देना वैज्ञानिक प्रक्रिया और तर्क द्वारा समर्थित था। कोवैक्सिन का इस्तेमाल का नियामक और सरकार का फैसला सही साबित हुआ है।  यहां तक की भारत में कोवैक्सिन का इस्तेमाल दो महीने से हो रहा है। अगर भारत सरकार ट्रायल के नतीजों का इंतजार करती तो वैक्सीनेशन शुरू होने में मार्च तक का समय लगता।   
 
कोवाक्सिन होल इन एक्टिवेटेड वायरस प्लेटफॉर्म के आधार पर दुनिया की सबसे असरदार वैक्सीन है। इतना ही नहीं यह भारत की एकमात्र वैक्सीन है, जिसके सभी ट्रायल भारत में हुए हैं।  

Latest Videos

2- दुनिया के दूसरे देशों की तुलना में सस्ती है वैक्सीन
भारत में जो लोग अपने खर्च पर वैक्सीन लगवाना चाहते हैं, वे सिर्फ 150 रुपए खर्च कर इसे लगवा सकते हैं। वहीं, 100 रुपए इसके हॉस्पिटल कॉस्ट और लॉजिस्टिक के लिए देने पड़ रहे हैं। यह दुनिया में सबसे सस्ती कोरोना वायरस वैक्सी है। यह लागत अन्य देशों में 2000 रुजितनी है। हमने पहले से ही देखा है कि कैसे लैटिन अमेरिका में वैक्सीन कंपनियां लूट मचा रही हैं। 

भारत ने दुनिया के सामने एक और उदाहरण दिया है कि वैज्ञानिक प्रगति केवल अमीरों के लिए या लोगों की कीमत पर नहीं होती है। हमारे वैज्ञानिकों, हमारे निर्माताओं और हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि वैज्ञानिक प्रगति और वैक्सीन सभी के लिए समान है।

Share this article
click me!

Latest Videos

दिल्ली-NCR में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दे दिया बड़ा आदेश, जानें क्या-क्या कहा
BJP प्रत्याशी पर उमड़ा लोगों का प्यार, मंच पर नोटों से गया तौला #Shorts
Nagpur Poha Shop पर पहुंचे Rahul Gandhi, फिर खुद भी किया ट्राई | Maharashtra Election 2024
दिल्ली चुनाव से पहले BJP में शामिल हुए कैलाश गहलोत, AAP के सभी दावों की खोल दी पोल
किसी पर नहीं आई झांसी अग्निकांड के जांच की आंच, आखिर क्यों नहीं हुआ अब तक ये एक काम?