केरल के इडुक्की जिले(Kerala's Idukki district) में भारी बारिश के बाद भूस्खलन( landslide ) के बाद एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दबकर मर गए। इसमें एक 5 साल का बच्चा भी शामिल है। रेस्क्यू टीम ने सभी के शव मलबे से निकाल लिए हैं।
तिरुवनंतपुरम. केरल के इडुक्की जिले(Kerala's Idukki district) में भारी बारिश के बाद भूस्खलन( landslide ) के बाद एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दबकर मर गए। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। घटना रविवार रात की है। रबड़ टैपर(rubber tapper) यानी पेड़ों से रबर निकालने वाला थंकम्मा सोमन एक पहाड़ी के पास अपने छोटे से मकान में परिवार के साथ रह रहा था। रविवार को भारी बारिश के कारण जमीन का एक हिस्सा ढह गया, जो उसके छोटे से घर पर गिर गया। NDRF, पुलिस और स्थानीय लोगों के नेतृत्व में रेस्क्यू टीम ने मलबे से शवों को ढूंढ निकाला। बता दें कि कोट्टायम और इडुक्की जिलों के कई हिस्सों में रविवार से भारी बारिश हो रही है। (पहली तस्वीर क्रेडिट-Bobins Abraham Vayalil @BobinsAbraham)
मरने वालों में 5 साल का मासूम भी शामिल
पुलिस ने कहा कि कंजर निवासी थंकम्मा (80), उसका बेटा सोमन (52), उसकी पत्नी शाजी (50), उनकी बेटी शिमा (30) और देवानंद (5) की सुबह भूस्खलन में मौत हो गई। केरल के पहाड़ी इलाकों में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को कासरगोड को छोड़कर सभी जिलों के लिए येलो अलर्ट की भविष्यवाणी की है। कोट्टायम जिले, नेदुनकुन्नम, करुकाचल में, गांवों में बाढ़ आ गई है और निवासियों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम को भेजा गया है। इस बीच, पठानमथिट्टा जिले में मल्लापल्ली तालुक के कुछ क्षेत्रों में मामूली बाढ़ का अनुभव हुआ। मल्लापल्ली, अनिक्कड़ और थोलियूर गांवों में छोटे-छोटे नाले तक उफान पर हैं।
केरल में बाढ़ की स्थिति के बारे में यह भी जानिए
पथानामथिट्टा जिला सूचना अधिकारी ने कहा, "मल्लापल्ली तालुक के कोट्टंगल गांव में कुछ घरों और दुकानों में पानी घुस गया। एक कार पानी में बह गई, हालांकि स्थानीय लोगों ने उसे एक पेड़ से रस्सी से बांध दिया।" इसके अलावा, मलप्पुरम, कोझीकोड और कन्नूर जिलों के पहाड़ी इलाकों में पिछले दो दिनों से भारी बारिश हो रही है, लेकिन वहां से अभी तक किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है।मलप्पुरम जिले में ओलीपुझा तट तक पानी आ गया है। अधिकारियों को नदी के किनारे के निवासियों को राहत शिविरों में भेजना पड़ा है।
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