आजाद भारत की कहानी: 75 साल में पहली बार लाल किले से PM के भाषण में आएगा twist; जानिए ऐसे ही 10 रोचक तथ्य

Published : Aug 02, 2021, 04:32 PM ISTUpdated : Aug 02, 2021, 04:52 PM IST
आजाद भारत की कहानी: 75 साल में पहली बार लाल किले से PM के भाषण में आएगा twist; जानिए ऐसे ही 10 रोचक तथ्य

सार

नई दिल्ली. भारत को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं। इसलिए देश इसे अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। देश का आजादी कराने में गांधीवादी विचाराधारा के लोगों के अलावा क्रांतिकारियों को भी बड़ा योगदान रहा है। आइए जानते हैं आजादी भारत से जुड़े 10 तथ्य...  

नई दिल्ली. भारत को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं। इसलिए देश इसे अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। देश का आजादी कराने में गांधीवादी विचाराधारा के लोगों के अलावा क्रांतिकारियों को भी बड़ा योगदान रहा है। आइए जानते हैं आजादी भारत से जुड़े 10 तथ्य...

1. भारत अपनी आजादी की 75वीं सालगिरह मना रहा है। यह पहली बार हो रहा है, जब देश के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से अपने भाषणों में आमजनों की सुझाव और विचारों को भी शामिल करेंगे। इससे पहले किसी PM ने ऐसा नहीं किया। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1947 में लाल किले से 72 मिनट का भाषण दिया था। मोदी ने 2016 में 94 मिनट का भाषण देकर यह रिकॉर्ड तोड़ दिया था।
 
2. तिरंगे से जुड़े तथ्य-झंडे को जानबूझकर जमीन पर गिरने या पानी में डूबने नहीं दिया जा सकता है। इसका उपयोग इमारत या गाड़ी आदि को ढंकने के लिए भी नही किया जा सकता है।
 
3. आजाद भारत का पहला मंत्रिमंडल और राष्ट्रपति: प्रधानमंत्री-जवाहरलाल नेहरू, राष्ट्रपति-राजेन्द्र प्रसाद, कानून एवं न्याय मंत्री-भीमराव आम्बेडकर,मंत्री (बिना विभाग)-एन. गोपालस्‍वामी अयंगर,शिक्षा मंत्री-अबुल कलाम आज़ाद, वाणिज्य मंत्री-कुंवरजी होरमुसजी भाभा, वित्त मंत्री-आरके शन्मुखम चेट्टी, खाद्य और कृषि मंत्री-जयरामदास दौलताराम, ऊर्जा मंत्री-नरहर विष्णु गाडगील, स्वास्थ मंत्री-राजकुमारी अमृत कौर, संचार मंत्री- रफी अहमद किदवई, रेल और यातायात मंत्री-जॉन मथाई, उद्योग और आपूर्ति मंत्री-श्यामाप्रसाद मुखर्जी, शरणार्थी और बहाली मंत्री-क्षितिज चंद्र नियोगी, गृह, सूचना और प्रसारण, राज्य और उप-प्रधानमंत्री-वल्लभभाई पटेल, श्रम मंत्री-जगजीवन राम और रक्षा मंत्री-बलदेव सिंह।

4. हम जिस स्वतंत्र भारत में रहते हैं, उसका 'भारतवर्ष' नाम ऋषभदेव के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा है। पुराणों के अनुसार भरत चक्रवर्ती के दादा नाभिराज थे। हिंदू ग्रन्थ स्कन्द पुराण (अध्याय 37) में इसका उल्लेख है। संस्कृत में देश को भारत गणराज्य के रूप में जाना जाता है। इसलिए हिंदी में भारत कहा जाता है।
 
5. पाकिस्तान से सटा पंजाब का सीमावर्ती जिला गुरदासपुर एक दिन पहले यानी 14 अगस्त को ही आजाद हो गया था। दरअसल, वहां के लोगों को डर था कि कहीं यह इलाका पाकिस्तान में न चला जाए, इसलिए  प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ऐसी घोषणा करनी पड़ी।
 
6. भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से 17 बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इंदिरा गांधी को यह मौका 16 बार मिला। जबकि नरेंद्र मोदी 8वीं बार झंडा वंदन करेंगे। इसके अलावा-मनमोहन सिंह-10, अटल बिहारी वाजपेयी- 6, राजीव गांधी- 5,पी वी नरसिम्हा राव-5,लाल बहादुर शास्त्री- 2, मोरारजी देसाई- 2, चौधरी चरण सिंह- 1, वी पी सिंह- 1, एचडी देवेगौड़ा-1 और इंद्र कुमार गुजराल को एक बार भाषण देने का मौका मिला।
 
7. साल 1857 में हुए स्वतंत्रता संग्राम के पहले गदर की तैयारी में लाल किले का अहम योगदान रहा है। यह वास्तुकला का अद्भुत नमूना है। इसे यूनेस्को ने साल 2007 में अपनी वर्ल्ड हेरिटेज साइट की लिस्ट में शामिल किया था। आजादी के बाद अंग्रेजों ने ब्रिटिश झंडा उतारकर इस पर तिरंग फहराया था। तब से यह परंपरा चली आ रही है।

(आजादी की घोषणा के बाद मीडिया में निकली खबर)
 
8. भारत का झंडा सिर्फ खादी के कपड़े से तैयार होता है। आजादी के बाद लाल किले पर जो तिरंगा फहराया गया था; वो राजस्थान के दौसा के बुनकरों ने तैयार किया था। लेकिन पहली बार राष्ट्रीय झंडा 7 अगस्त, 1906 को कोलकाता के पारसी बागान चौक पर फहराया गया था।
 
9. आजाद भारत में पहला आम चुनाव दो फेज में 4 महीने चला था। पहला फेज 25 अक्टूबर, 1951 और दूसरा फेज 21 फरवरी, 1952 को हुआ था। तब 2 मिलियन लोहे की मतपेटियां तैयार की गई थीं। 62 करोड़ मतपत्र छापे गए थे और 2.50 लाख मतदान केंद्र बनाए गए थे। वहीं, 3 लाख से अधिक स्याही के पैकेट बनवाए गए थे।

10. हैदराबाद, जूनागढ़, कश्मीर और भोपाल का विलय भारत में सबसे आखिर में हुआ था। इइनमें से भी भोपाल का विलय सबसे अंत में। 30 अप्रैल 1949 को नवाब ने विलीनीकरण के पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए।

फोटो-knowindia.gov.in से साभार

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