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देहरादून : MiG21 विमान पहुंचा वॉर मेमोरियल, पाकिस्तान के साथ युद्ध में निभाई थी महत्वपूर्ण भूमिका
देहरादून. शहीदों के सम्मान में बने भव्य युद्ध स्मारक 'पंचम धाम' में मिग-21 विमान पहुंच गया। ये मेमोरियल की शान बढ़ाएगा। विमान को रखने के लिए वार मेमोरियल में पहले ही जगह तय कर ली गई थी। वार मेमोरियल में मिग 21 रखने का प्रस्ताव करीब दो साल पहले कैंट बोर्ड की बैठक में पास हुआ था। पूर्व राज्यसभा सदस्य और उत्तराखंड युद्ध स्मारक शौर्य स्थल के अध्यक्ष तरुण विजय ने कहा था कि शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए तैयार हो रहा वार मेमोरियल में तीनों सेनाओं की निशानियां रखी जानी है। तस्वीरों में देखिए जब वॉर मेमोरियल पहुंचा मिग 21 विमान...
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इससे पहले पिछले साल दिसंबर में तरुण विजय ने दक्षिण ब्लॉक कार्यालय में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत से मुलाकात की थी। तब भी युद्ध स्मारक की प्रगति पर चर्चा की गई थी।
'पंचम धाम' नाम राज्य में चार धाम से लिया गया है। यहां एक T55 टैंक और मिग 21 विमान रखा गया है। टैंक और विमान दोनों का इस्तेमाल 1971 के भारत-पाक युद्ध में किया गया था।
भारत में 1964 से मिग 21 विमान का इस्तेमाल शुरू हुआ है। ये इकलौता ऐसा विमान है जिसका इस्तेमाल दुनियाभर के करीब 60 देशों ने किया है। मिग 21 एविएशन के इतिहास में अब तक का सबसे अधिक संख्या में बनाया गया सुपरसोनिक फाइटर जेट है।
रूस ने तो 1985 में इस विमान का निर्माण बंद कर दिया, लेकिन भारत इसके अपग्रेडेड वैरिएंट का इस्तेमाल करता रहा है। पाकिस्तान के साथ हुए 1971 और 1999 के कारगिल युद्ध में भी मिग 21 ने मुख्य भूमिका निभाई थी।
सितंबर 2018 तक वायु सेना के पास तकरीबन 120 मिग 21 विमान थे। मिग 21 बाइसन लड़ाकू विमान मिग 21 का एक अपग्रेटेड वर्जन है।
मिग 21 लड़ाकू विमान की रफ्तार 2229 किमी प्रति घंटा की है। इसमें टर्बोजेट इंजन लगा हुआ है, जो विमान को सुपरसोनिक रफ्तार देता है।