आधार और वोटर आईडी को लिंक करने के विवादित कानून को Supreme Court में चुनौती, सुनवाई आज

Published : Jul 25, 2022, 01:02 AM IST
आधार और वोटर आईडी को लिंक करने के विवादित कानून को Supreme Court में चुनौती, सुनवाई आज

सार

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि आधार नागरिकता नहीं बल्कि निवास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यदि आप मतदाता से आधार कार्ड मांग रहे हैं, तो आपको केवल एक दस्तावेज मिलता है जो निवास को दर्शाता है। आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को मतदान का अधिकार दे रहे हैं।  

नई दिल्ली। आधार और मतदाता पहचान पत्र को जोड़ने के विवादास्पद कानून को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट पहुंचे कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसे खत्म करने की मांग की है। याचिकाकर्ता सुरजेवाला ने कानून को असंवैधानिक, निजता और समानता के अधिकारों का उल्लंघन बताया है। शीर्ष अदालत सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी। दरअसल, आधार को चुनावी डेटा से जोड़ने की परियोजना चुनाव आयोग द्वारा चुनावी सुधार प्रक्रिया के हिस्से के रूप में शुरू की गई थी। कहा गया था कि इससे मतदाता सूची में एक व्यक्ति के कई जगह नाम को रोका जा सकेगा साथ ही यह गलतियों से मुक्त होगी।

चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक चुनावी पंजीकरण अधिकारियों को उन लोगों की आधार संख्या प्राप्त करने की अनुमति देता है जो पहचान स्थापित करने के उद्देश्य से मतदाता के रूप में पंजीकरण करना चाहते हैं। सरकार ने तर्क दिया है कि यह कई राज्यों में मतदाता सूची में लोगों को अपना नाम दर्ज करने से रोककर नकली मतदाताओं को हटाने के लिए है। विपक्ष ने तर्क दिया है कि आधार-वोटर आईडी लिंक की अनुमति देने से देश में अधिक गैर-नागरिक मतदान हो सकता है।

कई विपक्षी दल हैं आधार लिंक वोटर लिस्ट के विरोध में

कांग्रेस इस विधेयक का विरोध कर रही है और आरोप लगा रही है कि संसद के शीतकालीन सत्र में संभावित खामियों पर बिना किसी वास्तविक बहस के इसे पारित कर दिया गया। 24 घंटे के भीतर दोनों सदनों ने कानून पारित कर दिया। कांग्रेस के अलावा एमके स्टालिन की डीएमके, शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, शिवसेना और बसपा ने नए कानूनों का विरोध किया है। तृणमूल सांसद डेरेक ओ ब्रायन पर विधेयक के विरोध के दौरान राज्यसभा की सभापीठ पर नियम पुस्तिका फेंकने का आरोप लगने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि आधार नागरिकता नहीं बल्कि निवास का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यदि आप मतदाता से आधार कार्ड मांग रहे हैं, तो आपको केवल एक दस्तावेज मिलता है जो निवास को दर्शाता है। आप संभावित रूप से गैर-नागरिकों को मतदान का अधिकार दे रहे हैं।

कानून मंत्री ने कहा कि आधार लिंक स्वैच्छिक है

सुप्रीम कोर्ट के निजता के अधिकार के फैसले के तहत मतदाता पहचान पत्र के साथ आधार को जोड़ना स्वैच्छिक होगा। कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने रेखांकित किया है कि लिंकिंग स्वैच्छिक होगी। रिजिजू ने कहा कि वोटर आईडी कार्ड को आधार से लिंक करना स्वैच्छिक है और यह अनिवार्य नहीं होगा। अगर किसी नागरिक के पास आधार कार्ड नहीं है, तो भी उसका नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाएगा। अगर आपकी उम्र 18 साल से अधिक है और आपका नाम वोटिंग लिस्ट में है। ... तो आप एक मतदाता हैं।

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