कृषि कानून: दिल्ली के जंतर-मंतर पर किसानों का प्रदर्शन, नकवी बोले-कंधे पर बंदूक रखवाकर कराया जा रहा आंदोलन

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आज से दिल्ली में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने किसानों को आंदोलन के लिए परमिशन दी है। किसान संगठन संसद के मानसून सत्र के समापन तक रोज सुबह 11 से शाम 5 बजे तक प्रदर्शन करेंगे।

Asianet News Hindi | Published : Jul 22, 2021 2:06 AM IST / Updated: Jul 22 2021, 12:26 PM IST

नई दिल्ली. केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठन आज से संसद के मानसून सत्र के समापन तक रोज दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करेंगे। प्रदर्शन के लिए 22 जुलाई से 9 अगस्त तक सुबह 11 से 5 बजे तक अनुमति रहेगी। प्रदर्शन में 200 किसान शामिल होंगे। दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने इसी शर्त के साथ यह अनुमति दी है।

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कांग्रेस ने गांधी प्रतिमा के सामने धरना दिया
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तीन कृषि कानूनों को लेकर गांधी प्रतिमा के सामने पार्टी सांसदों के साथ धरना दिया।

आप नेता ने कहा
AAP के सांसद भगवंत मान ने कहा-कृषि कानूनों के वापस लेने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है। नरेंद्र सिंह तोमर बयान देते हैं कि हम किसानों से बातचीत करने के लिए तैयार हैं, बस वे 3 कानूनों को वापस लेने की बात न करें। तो फिर और क्या बात करें?

शिरोमणि अकाली दल ने कहा
शिरोमणि अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल ने कहा-यह सरकार किसान विरोधी है। किसान पिछले 8 महीनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार कहती है कि किसान हमसे बात करें लेकिन क़ानून वापस नहीं होंगे। जब आप ने कृषि क़ानून वापस नहीं लेने है तो किसान आपसे क्या बात करेंगे

सरकार का तर्क
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा-हमने किसानों से नए कृषि क़ानूनों के संदर्भ में बात की है।किसानों को कृषि क़ानूनों के जिस भी प्रावधान मे आपत्ति हैं वे हमें बताए, सरकार आज भी खुले मन से किसानों के साथ चर्चा करने के लिए तैयार है।

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किसानों के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बयान
इस बीच केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा- मुद्दों, तथ्यों और तर्कों को लेकर किसी भी आंदोलन का स्वागत है लेकिन किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर किस मुद्दे पर कुछ लोग आंदोलन करना दिखा रहे हैं। सरकार ने कहा कि आप आईये जो मुद्दे आपके पास हैं उन पर बात करिए, मुद्दे हैं नहीं।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा- हम किसानों के मुद्दों को सदन में उठा रहे हैं। किसान हमारी रीढ़ की हड्डी है। किसानों के बिना हम जी नहीं सकते। उस आवाज को उठाना ज़रूरी है और हम उठाएंगे।

26 जनवरी की हिंसा के बाद दिल्ली में कड़ी सुरक्षा
26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के बाद पुलिस कोई रिस्क उठाना नहीं चाहती। किसान संगठनों और पुलिस के बीच मंगलवार को बैठक हुई थी। इसमें किसानों ने भरोसा दिलाया कि वे जंतर-मंतर पर ही प्रदर्शन करेंगे। संसद भवन पर कूच नहीं करेंगे। प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहेगा।

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किसान आंदोलन का फायदा उठा सकते हैं आतंकी संगठन
दिल्ली पुलिस को इंटेलिजेंस ब्यूरो(IB) ने इनपुट दिया कि आतंक संगठन किसान आंदोलन की आड़ में गड़बड़ी पैदा कर सकते हैं। इसे देखते हुए दिल्ली पुलिस हाईअलर्ट पर है। नई दिल्ली जिले के डीसीपी दीपक यादव के आग्रह पर डीसीपी(मेट्रो) जितेंद्र मणि ने दिल्ली मेट्रो के चीफ सिक्योरिटी कमिश्नर को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि नई दिल्ली के सभी मेट्रो स्टेशनों को किसी भी शॉर्ट नोटिस पर बंद करनी की जरूरत पड़ सकती है।

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