Farm Laws Repealed: राकेश टिकैत का ऐलान-दिसंबर के आखिर तक खत्म हो जाएगा किसान आंदोलन; पर MSP पर कही ये बात...

तीनों कृषि कानून(AgricultureBill) रद्द होने के बावजूद आंदोलन पर अड़े किसान नेता राकेश टिकैत चौतरफा विरोध के चलते अब पीछे हट गए हैं। उन्होंने एक मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि अगले हफ्ते किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। जानिए और क्या बोले टिकैत...

Asianet News Hindi | Published : Nov 30, 2021 10:12 AM IST / Updated: Nov 30 2021, 03:48 PM IST

नई दिल्ली. Agriculture Bill रद्द होने के बाद चौतरफा दबाव में घिरे किसान नेता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि दिसंबर के अखिर तक किसान आंदोलन खत्म हो जाएगा। मीडिया के पूछने पर टिकैत ने कहा कि PM ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए अपनी जुबान दी है। अगर 1 जनवरी तक MSP पर कानून नहीं बनता, तो ये मुद्दा किसानों के आंदोलन की मांग का हिस्सा बन जाएगा। हालांकि टिकैत ने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में पीछे नहीं हटेगी।

पंजाब के किसानों के पीछे हटने से भी टिकैत दबाव में
पंजाब के किसानों द्वारा आंदोलन खत्म करने के ऐलान पर टिकैत ने कहा कि वे किसी जाते हुए को रोक नहीं सकते। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि कोई किसान जाना नहीं चाहता है। टिकैत ने कहा कि 10-11 दिसंबर के बाद से बातचीत का दौर शुरू होगा। तब तक MSP पर बात हो जाएगी। किसानों पर जो मुकदमे हैं, वो वापस हो जाएंगे। कोई भी किसान मुकदमे साथ लेकर घर नहीं जाएगा।

बता दें कि संसद का शीतकालीन सत्र(winter session of parliament) 29 नवंबर से शुरू हुआ। सदन में पहले ही दिन तीनों कृषि कानून(AgricultureBill) रद्द करने वाला बिल पास करा दिया। बावजूद किसान नेता राकेश टिकैत आंदोलन पर अड़े हुए थे। हालांकि उनके इतर 32 किसान संगठनों ने आंदोलन खत्म करने की तैयारियां कर ली हैं। इस संबंध में 1 दिसंबर को अंतिम फैसला होगा। 29 नवंबर को सिंघु बॉर्डर पर 32 किसान संगठनों की बैठक में इस पर विचार विमर्श किया गया। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के 42 लोगों की कमेटी की इमरजेंसी मीटिंग अब 1 दिसंबर को ही होगी, जिसमें आंदोलन खत्म करने पर फैसला होगा। पहले यह मीटिंग 4 दिसंबर को होने वाली थी। पंजाब के किसान नेता हरमीत कादियां ने कृषि कानून रद्द होने को अपनी जीत बताया। साथ ही यह भी कहा कि अब आंदोलन जारी रखने को कोई बहाना नहीं है।

क्या यूपी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं टिकैत
टिकैत के किसान आंदोलन को राजनीति से प्रेरित माना गया। कहा जा रहा है कि वे यूपी विधानसभ से चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि उनके करीबियों का मानना है ऐसी संभावना नहीं है। राकेश टिकैत 2 बार चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, लेकिन दोनों ही बार हारे। एक बार विधानसभा और दूसरी बार लोकसभा चुनाव में उन्हें पराजय झेलनी पड़ी। 2007 का विधानसभा चुनाव टिकैत ने निर्दलीय लड़ा था, लेकिन 2014 में उन्हें राष्ट्रीय लोकदल ने टिकट दिया था। अगले साल यूपी में विधानसभा चुनाव होने हैं। कहा जा रहा है कि वेस्ट यूपी से उनके भाई चुनाव में उतर सकते हैं।

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