एयर इंडिया की घरवापसी: टाटा संस ने 18 हजार करोड़ की बोली लगाकर भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन्स को खरीदा

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) की ओर से एयर इंडिया कंपनी के इस नए बदलाव की जानकारी दी है।

Asianet News Hindi | Published : Oct 8, 2021 11:30 AM IST / Updated: Oct 08 2021, 05:19 PM IST

नई दिल्ली। एयर इंडिया (Air India) की टाटा समूह (Tata Group) के घर वापसी हो गई है। कर्ज से जूझ रही एयर इंडिया को पुराना मालिक मिल गया है। सरकार ने एअर इंडिया के लिए सबसे अधिक बोली लगाने वाले टाटा ग्रुप को इस कंपनी की कमान सौंपने का ऐलान किया है। केंद्र सरकार के अनुसार अब एअर इंडिया टाटा ग्रुप (Tata group) की होगी। इसके लिए टाटा समूह ने 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। एयर इंडिया को फिर से हासिल करने के बाद रतन टाटा (Ratan Tata) ने ट्वीट कर एक पुरानी तस्वीर साझा की है। उन्होंने ट्वीट किया है... फिर से स्वागत, एयर इंडिया।

 

डिपार्टमेंट ऑफ इन्वेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट यानी दीपम (Department of Investment and Public Asset Management- DIPAM) की ओर से एयर इंडिया कंपनी के इस नए बदलाव की जानकारी दी है। दीपम के सेक्रेटरी तुहीन कांत ने बताया कि टाटा समूह ने 18000 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। टाटा द्वारा ही एयर इंडिया का 15300 करोड़ रुपये का कर्ज चुकाया जाएगा। 

एयर इंडिया पर था 61560 करोड़ का कर्ज

एअर इंडिया पर 31 अगस्त तक 61,560 करोड़ रुपये का कर्ज था। इसमें 15300 करोड़ रुपये टाटा संस चुकाएगी जबकि बाकी के 46,262 करोड़ रुपए AIAHL (Air India asset holding company) भरेगी।

टाटा और स्पाइसजेट ने लगाई थी बोली

एयर इंडिया को खरीदने के लिए टाटा ग्रुप की ओर से 18 हजार करोड़ रुपये की बोली लगाई गई थी। जबकि अजय सिंह की स्पाइसजेट ग्रुप ने 15100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। दोनों बोलियां 12906 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से ऊपर थीं।

दिसंबर तक पूरी प्रक्रिया हो जाएगी पूरी

टाटा संस को अधिक बोली लगाने पर एयर इंडिया कंपनी को सौंप दिया जाएगा। इसके लिए अगला कदम अब आशय पत्र (एलओआई) जारी करना होगा। फिर शेयर खरीद समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा जिसके बाद सफल बोलीदाता, कंपनी और सरकार को पूर्ववर्ती शर्तों को पूरा करना होगा। यह उम्मीद की जाती है कि लेनदेन दिसंबर 2021 तक पूरा हो जाएगा।

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