अगर इन कंपनियों को सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिलती है तब भी उस पर यह नियम लागू होगा।
हैदराबाद। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने प्रदेश की जनता को एक बड़ा तोहफा दिया है। दरअसल, आंध्र प्रदेश भारत का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जिसने स्थानीय नागरिकों के लिए सभी प्राइवेट औद्योगिक इकाइयों और फैक्ट्रीज में 75 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित कर दिया है। यदि इन कंपनियों को सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिलती है तब भी उस पर यह नियम लागू होगा। आंध्र प्रदेश विधानसभा में सोमवार को स्थानीय लोगों के लिए राज्य में नौकरियों के मद्देनजर इंडस्ट्रियल/फैक्ट्रीज एक्ट 2019 पारित किया गया, जिसके तहत सभी औद्योगिक इकाइयों, कारखानों, संयुक्त उद्यमों के साथ-साथ पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड की श्रेणियों में 75 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित होंगी। बता दें कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने विधानसभा चुनाव के दौरान नौकरियों में स्थानीय लोगों को बढ़ावा देने के मद्देनजर आरक्षण का वादा किया था।
कमलनाथ ने भी कही थी लोकल्स के लिए 70% नौकरियां आरक्षित करने की बात...
बहुत से राज्य काफी समय से निजी नौकरियों को स्थानीय लोगों के लिए आरक्षित करने की मांग कर रहे हैं लेकिन किसी ने भी इसे अभी तक लागू नहीं किया है। बता दें कि मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार ने 9 जुलाई को कहा था कि वह एक ऐसा नियम लाएगी, जिसके तहत स्थानीय लोगों के लिए 70 प्रतिशत नौकरियां आरक्षित रहेंगी। बेरोजगारी की समस्या से जूझ रहे मध्य प्रदेश के नौजवानों के लिए सरकार का यह कदम काफी अहम माना जा रहा है। विधानसभा में सीएम ने कहा कि ‘राज्य सरकार जो कानून लेकर आएगी उसमें निजी कंपनियों के साथ-साथ सरकारी कंपनियों में भी मध्य प्रदेश के युवाओं के लिए 70 फीसदी आरक्षण अनिवार्य होगा।’
चुनावी घोषणा पत्र में कमलनाथ ने किया था वादा...
बता दें, कांग्रेस ने 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में अपने चुनावी घोषणापत्र में स्थानीय लोगों को नौकरियों में आरक्षण देने का वादा किया था। कमलनाथ ने कहा था कि प्रदेश में स्थानीय आबादी के हिस्से का रोजगार बिहार और उत्तरप्रदेश के लोगों को मिल जाता है।