भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अपने "वेस्ट टू वेल्थ" मिशन के तहत "स्वच्छता सारथी फैलोशिप 2022(Swachhta Sarathi Fellowship 2022)की घोषणा कर दी है। वेस्ट टू वेल्थ मिशन प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) के नौ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
नई दिल्ली. भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के कार्यालय ने अपने "वेस्ट टू वेल्थ" मिशन के तहत "स्वच्छता सारथी फैलोशिप 2022(Swachhta Sarathi Fellowship 2022)की घोषणा कर दी है। यह स्वच्छता सारथी के रूप में अपशिष्ट प्रबंधन, अपशिष्ट जागरूकता अभियान, अपशिष्ट सर्वेक्षण(Waste Management, Waste Awareness Campaign, Waste Survey) आदि जैसे सामुदायिक कार्यों और हरित धरती के लिए कचरे को कम करने के लिए कार्यों को पूरा करने में लगे युवा नवोन्मेषकों को सशक्त बनाने के लिए है। वेस्ट टू वेल्थ मिशन प्रधानमंत्री की विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएम-एसटीआईएसी) के नौ राष्ट्रीय मिशनों में से एक है।
500 फेलो को मान्यता
अब 2022 के फैलोशिप के लिए आवेदन दाखिल होना शुरू हो गया है। फेलोशिप के तहत अधिकतम 500 फेलो को मान्यता दी जाएगी। 2022 के फेलोशिप के माध्यम से अपशिष्ट प्रबंधन के सामुदायिक कार्य में लगे युवा नवप्रवर्तकों(innovators) के प्रयासों को और सशक्त बनाना और पहचान दिलाना है और स्वच्छता सारथी के रूप में जमीन पर अपशिष्ट योद्धाओं का एक विस्तृत नेटवर्क बनाना है। यह फेलोशिप इच्छुक छात्रों और नागरिकों को शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में कचरे को कम करने के अपने प्रयासों में लगातार जुड़े रहने के लिए सशक्त बनाएगी।
कैसे बदलेगा समाज
फेलोशिप की घोषणा करते हुए भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार प्रो. के. विजय राघवन ने कहा, “कई लोग पूछते हैं कि जमीनी स्तर पर काम करने वाले 100, 200, और 300 लोगों के होने का क्या मतलब है, लेकिन यह तीन कारणों से महत्वपूर्ण है। सबसे पहले, आपका उत्साह आपके पड़ोस को प्रभावित कर सकता है। दूसरा, पहले के समय में बुजुर्ग युवा पीढ़ी को कचरा प्रबंधन के बारे में पढ़ाते थे लेकिन अब यह युवा पीढ़ी की जिम्मेदारी है कि वह बड़ों को पढ़ाएं। अंत में, आप सभी देश भर के संस्थानों में जाते हैं, आप में से प्रत्येक 3 अन्य लोगों को प्रभावित कर सकता है और इससे कचरा प्रबंधन पर जागरूकता बढ़ेगी। यह कुछ ऐसा है जो प्रभाव पैदा करने के लिए अब आपके हाथ में है। हमें अपने भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कुछ करना होगा, हमें जिम्मेदारी से और स्थायी रूप से जीना चाहिए ताकि आने वाली पीढ़ियां भी स्थायी रूप से विकसित हो सकें।"
फेलोशिप के तहत पुरस्कारों की तीन श्रेणियां हैं-
1. श्रेणी-ए-अपशिष्ट प्रबंधन सामुदायिक कार्य में लगे 9वीं से 12वीं कक्षा तक के स्कूली छात्रों के लिए खुला है। फेलोशिप के रूप में 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रतिमाह 500/-रुपये की राशि दी जाएगी।
2. श्रेणी-बी - अपशिष्ट प्रबंधन सामुदायिक कार्य में लगे कॉलेज के छात्रों (स्नातक, स्नातकोत्तर, शोध छात्रों) के लिए खुला है। फेलोशिप के रूप में 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रतिमाह 1,000/- रुपये की राशि दी जाएगी।
3. श्रेणी-सी - स्वयं सहायता समूह अथवा या स्वच्छता कार्यकर्ता। एक स्वयं सहायता समूह से अधिकतम 2 नागरिक आवेदन कर सकते हैं। फेलोशिप के रूप में 1 वर्ष की अवधि के लिए प्रतिमाह 2,000/- रुपए की राशि दी जाएगी।
फेलोशिप की अंतिम तिथि
फेलोशिप के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 04 अप्रैल, 2022 है। विवरण और आवेदन लिंक यहां उपलब्ध है: https://www.wastetowealth.gov.in/fellowship-home
फेलोशिप के बारे में अधिक जानकारी के लिए malyaj.varmani@investindia.org.in और malvika.jain@investindia.org.in पर संपर्क करें।
वेस्ट टू वेल्थ के बारे में
वेस्ट टू वेल्थ मिशन, प्रधानमंत्री विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद (पीएमएसटीआईएसी) के नौ वैज्ञानिक मिशनों में से एक है। भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय के नेतृत्व में मिशन का उद्देश्य उन प्रौद्योगिकियों की पहचान, परीक्षण और सत्यापन करना है जो कचरे मूल्य वर्धित संसाधन के रूप में रूपांतरित करती हैं और व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य हैं। इन प्रौद्योगिकियों को मिशन प्रहरी में संचालित किया जाएगा, जो महत्वपूर्ण अपशिष्ट चुनौतियों का समाधान प्रदर्शित करेगा और भारत की भूमि, वायु और जल संसाधनों के संरक्षण, पुनर्स्थापना और विस्तार में योगदान देगा।
यह भी पढ़ें-आज के दिन भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स ने बनाया था अंतरिक्ष में सबसे ज्यादा दिन रहने का रिकॉर्ड