मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के घर के बाहर गाड़ी में मिले विस्फोटक की जांच में एक के बाद एक नये 'धमाके' हो रहे हैं। परमबीर सिंह के लेटर बम (Param Bir Singh vs Anil Deshmukh Controversy) ने सरकार को संकट में डाल दिया है। इस बीच दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) की बड़ी मीटिंग हो रही है। इससे पहले NCP प्रमुख शरद पवार ने मीडिया के सामने स्पष्ट कहा कि सरकार को कोई खतरा नहीं हैं।
मुंबई, महाराष्ट्र. रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली संदिग्ध गाड़ी और उससे जब्त हुए विस्फोटकों की जांच एक के बाद एक नये 'धमाके' कर रही है। परमबीर सिंह के लेटर बम (Param Bir Singh vs Anil Deshmukh Controversy) ने सरकार को संकट में डाल दिया है। इस बीच दिल्ली में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी(NCP) की बड़ी मीटिंग हो रही है। इससे पहले NCP प्रमुख शरद पवार ने मीडिया के सामने स्पष्ट किया कि सरकार को कोई खतरा नहीं है। शरद पवार आगरा से दिल्ली पहुंचे थे।
पवार का दावा
राजनीतिक गलियारों में ट्वीट की चर्चा
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाने वाले मुंबई पुलिस के पूर्व कमिशनर परमबीर सिंह की मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखी गई चिट्ठी ने राज्य की राजनीति में भूचाल ला दिया है। बता दें कि परमबीर सिंह ने चिट्टी में आरोप लगाया है कि गृहमंत्री देशमुख ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वझे से हर महीने 100 करोड़ रुपए की उगाही करने को कहा था। इस विवाद के बाद शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत का एक ट्वीट आया है। इसमें उन्होंने लिखा है-"हमको तो बस तलाश नए रास्तों की है, हम हैं मुसाफिर ऐसे जो मंजिल से आए हैं।" इसके साथ ही राउत ने बयान दिया कि सभी दलों को यह जांचना चाहिए कि उनके पांव जमीन पर हैं या नहीं। संजय राउत ने अपने पूर्व बयान का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने पहले भी कहा था कि कुछ मामलों में राज्य सरकार को पहले से नजर रखनी चाहिए और कुछ अफसरों की निगरानी की जानी चाहिए।
संजय राउत के इस ट्वीट की राजनीति गलियारों में चर्चा है। इसके कई मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल, संजय राउत अकसर ट्वीट में शेरो-शायरी के जरिये अपनी बात कहते रहे हैं। बता दें कि एंटीलिया के बाहर विस्फोटक से भरी जो स्कॉर्पियो मिली थी, उसके मालिक बिजनेसमैन मनसुख हिरन की संदिग्ध मौत के मामले में सचिन वझे को गिरफ्तार किया गया है। बहरहाल, माना जा रहा है कि अब परमबीर सिंह ने एंटीलिया मामले की जांच कर रही NIA पूछताछ कर सकती है। इस पूरे मामले के बाद ऐसी संभावना जताई जा रही है कि हो सकता है कि महाराष्ट्र में शिवसेना फिर से भाजपा के साथ हो जाए।
चिट्टी से महाविकास अघाड़ी में टेंशन
परमबीर सिंह की चिट्टी से शिवसेना-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-कांग्रेस की महा विकास अघाडी (MVA) सरकार में तनातनी की स्थिति बनते दिख रही है। संभावना है कि शिवसेना अपनी बिगड़ती छवि को बचाने इस गठबंधन पर विचार कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो बिहार के अंदाज में भाजपा उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बने रहने देगी और सरकार को सपोर्ट करेगी। हालांकि इस संबंध में अभी किसी बड़े नेता ने कुछ नहीं बोला है।
नागपुर: भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। pic.twitter.com/MJgBMruCGm