आज पहली बार दिखेगी नई कॉम्बैट यूनिफार्म की झलक, जैसलमेर में फहराएगा दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय झंडा

Published : Jan 15, 2022, 06:21 AM IST
आज पहली बार दिखेगी नई कॉम्बैट यूनिफार्म की झलक, जैसलमेर में फहराएगा दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय झंडा

सार

आज सेना दिवस है।  थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में परेड की सलामी लेंगे। इस परेड में सेना की नई कॉम्बैट यूनिफार्म की झलक देखने को मिलेगी।

नई दिल्ली। आज सेना दिवस (Army Day) है। इस अवसर पर देश में कई खास कार्यक्रम होंगे। थलसेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे (General MM Naravane) दिल्ली में कैंट स्थित करियप्पा ग्राउंड में परेड की सलामी लेंगे। वह सैनिकों को संबोधित भी करेंगे। यहां परेड सुबह 10.20 शुरू होगी। इस परेड में सेना की नई कॉम्बैट यूनिफार्म की झलक देखने को मिलेगी।

पैराशूट रेजिमेंट की टुकड़ी नई छलावरण (Camouflage) वर्दी पहनेगी। यह 'डिजिटल' पैटर्न पर आधारित है। नई आर्मी कॉम्बैट पैटर्न यूनिफॉर्म को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी की मदद से विकसित किया गया है। नई वर्दी अमेरिकी सैनिकों द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वर्दी की तरह है। सेना के अधिकारियों के अनुसार, बदली हुई वर्दी का छलावरण पिछली वर्दी की तुलना में बेहतर है। नई वर्दी को आराम के स्तर को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। इस यूनिफार्म को सैनिक युद्ध के मैदान और ऑपरेशनल एरिया में पहना करेंगे।

जैसलमेर में फहराएगा सबसे बड़ा झंडा 
सेना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान आज दुनिया का सबसे बड़ा झंडा राजस्थान के जैसलमेर में फहराएगा। 225 फीट लंबा और 150 फीट चौड़ा  तिरंगा का वजन करीब एक हजार किलो है। इस झंडे को खादी ग्रामोद्योग ने बनाया है। देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर जैसलमेर में सेना के वॉर म्यूजियम के पास पहाड़ी की चोटी पर इसे फहराया जाएगा। जम्मू-कश्मीर और लेह के बाद जैसलमेर तीसरा स्थान होगा जहां दुनिया का सबसे बड़ा खादी का झंडा फहराया जा रहा है। झंडा लगभग 37,500 वर्ग फीट एरिया में फैला है।

इसलिए मनाया जाता है सेना दिवस
बता दें कि हर साल 15 जनवरी को सेना दिवस मनाया जाता है। इसे फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है। 1899 में कर्नाटक के कुर्ग में जन्म लेने वाले फील्ड मार्शल करियप्पा ने 20 साल की उम्र में ब्रिटिश इंडियन आर्मी ज्वाइन की थी। वह 1953 में सेना से रिटायर हुए थे। ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1776 में भारतीय सेना का गठन कोलकाता में किया था। उस समय भारतीय सेना ईस्ट इंडिया कंपनी की सैन्य टुकड़ी थी, जिसे बाद में ब्रिटिश भारतीय सेना का नाम मिला। 1947 में करियप्पा ने भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध में भारतीय सेना की कमान संभाली थी। इस जंग में पाकिस्तान की हार हुई थी। फील्ड मार्शल केएम करियप्पा 15 जनवरी 1949 को आजाद भारत के पहले भारतीय सेना प्रमुख बने थे। उन्होंने सर फ्रैंसिस बुचर से प्रभार लिया था।

 

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