अरुणाचल में बीजेपी को प्रचंड जीत दिलाने वाले पेमा खांडू: सीएम रहते 3 बार बदली पार्टी, रफी-किशोर के गानों से कर देते हैं मंत्रमुग्ध

बीजेपी को अरुणाचल प्रदेश में तीसरी बार सत्ता हासिल हुई है। बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिलाने वाले मुख्यमंत्री पेमा खांडू इस जीत के सूत्रधार हैं। दस विधायकों को निर्विरोध जीत दिलाने वाले पेमा खांडू, पूर्वोत्तर के सबसे बड़े नेता बनकर उभरे हैं।

 

Dheerendra Gopal | Published : Jun 2, 2024 6:58 PM IST
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पिछले कुछ सालों में पेमा खांडू अरुणाचल प्रदेश का एक लोकप्रिय चेहरा हैं। संगीत और खेल से लगाव रखने वाले पेमा खांडू ने 2016 में राजनीतिक सुर्खियां बटोरी जब प्रदेश में राजनैतिक संकट खड़ा होने की वजह से राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा।

दरअसल, 2011 में पूर्व मुख्यमंत्री दोरजी खांडू की हेलीकॉप्टर क्रैश में निधन के बाद उनके पुत्र पेमा खांडू ने उनकी राजनीतिक विरासत संभाली। पिता के जीवित रहते हुए वह कांग्रेस के विभिन्न पदों पर रहें। लेकिन उनके निधन के बाद पिता के निर्वाचन क्षेत्र मुक्तो से चुनाव लड़े। हालांकि, पिता की सीट से वह निर्विरोध चुनाव नहीं जीत सके।

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कांग्रेस की नबाम तुकी की सरकार में वह पर्यटन मंत्री रहे। लेकिन जनवरी 2016 में एक संवैधानिक संकट के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया। मुख्यमंत्री नवाम तुकी सरकार अल्पमत में आ गई थी क्योंकि कुछ विधायकों ने पाला बदल लिया था। हालांकि, बाद में केंद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन हटाया तो बागी कलिखो पुल के नेतृत्व में सरकार बनी। कलिखो पुल, बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाए।

हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और नबाम तुकी की सरकार बहाल हो गई। लेकिन नबाम तुकी ने जल्द इस्तीफज्ञ दे दिया। इसके बाद 2016 में ही जुलाई महीने में पेमा खांडू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।

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मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पेमा खांडू लगातार सीएम बने रहे लेकिन वह लगातार अपनी पार्टी भी बदलते रहे। जुलाई 2016 में वह कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री रहे तो सितंबर 2016 में कांग्रेस से पीपुल्स पार्टी ऑफ अरुणाचल (पीपीए) में शामिल हो गए। फिर उसी वर्ष दिसंबर में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए।

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पहले पेमा खांडू, सत्तारूढ़ दल के 43 विधायकों के साथ पीपीए में गए। लेकिन पीपीए से निलंबित होने के बाद विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए।

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2019 में दुबारा विधानसभा चुनाव हुए तो पेमा खांडू, बीजेपी के सिंबल पर चुनाव लड़े और दूसरी बार मुक्तो से विधायक हुए। इस बार वह फ्रेश तरीके से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। बौद्ध धर्म को मानने वाले 45 वर्षीय पेमा खांडू इस बार भी सीमावर्ती जिले तवांग की मुक्तो सीट से निर्विरोध चुने गए हैं।

2024 में एक बार फिर पेमा खांडू ने बीजेपी को प्रचंड बहुमत दिलायी है। इस बार 60 विधायकों में 46 बीजेपी के सिंबल पर विधायक चुनाव जीते हैं।

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पेमा खांडू एक अच्छे सिंगर भी हैं। वह किशोर कुमार और मोहम्मद रफी के गानों को स्टेज पर दर्शकों को सुनाकर मंत्रमुग्ध कर देते हैं।

राज्य में पेमा खांडू, खेल आयोजनों को खूब अच्छे से आयोजित कराते हैं। वह हर साल क्रिकेट टूर्नामेंट, एथलेटिक्स, फुटबाल, बैडमिंटन, वॉलीबाल आदि खेलों का आयोजन कराते हैं।

दिल्ली के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक पेमा खांडू मोनपा जनजाति के सदस्य हैं। मोनपा जनजाति मुख्य रूप से तवांग और पश्चिमी कामेंग के कुछ हिस्सों में निवास करते हैं।

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