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भारतीय फुटबॉल टीम के दिग्गज, पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया को भी जनता ने नकारा, 10 साल में छठवां चुनाव हारे
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उनको सत्तारूढ़ दल सिक्किम क्रांतिकाररी मोर्चा के रिकशाल दोरजी भूटिया ने शिकस्त दी है। पूर्व कप्तान भूटिया की दस सालों में यह छठवीं हार है।
बाइचुंग भूटिया, सिक्किम के बरफंग विधानसभा सीट से प्रत्याशी थे। वह सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रत्याशी थे। इस चुनाव में सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट को महज एक सीट मिली है।
बाइचुंग भूटिया को सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के रिकशाल दोरजी भूटिया ने हराया है। बाइचुंग भूटिया यह चुनाव 4346 वोटों से हारे हैं।
बाइचुंग भूटिया ने 2018 में अपनी अलग पार्टी बनाई थी। उनकी पार्टी हमरो सिक्किम पार्टी, चुनाव में कुछ खास सफल नहीं रही तो उन्होंने अपनी पार्टी का विलय सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट में 2023 में कर दिया। एसकेएफ, सिक्किम राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी है। भूटिया पार्टी में वर्तमान में उपाध्यक्ष पद का दायित्व निभा रहे।
करीब एक दशक से राजनीति में अपना भाग्य आजमा रहे बाइचुंग भूटिया लगातार चुनाव हार रहे हैं। पूर्व फुटबॉलर बाइचुंग भूटिया को 2014 में टीएमसी ने पश्चिम बंगाल से लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग से प्रत्याशी बनाया। लेकिन भूटिया इसमें सफल नहीं हो सके। 2016 में टीएमसी ने सिलीगुड़ी से विधानसभा चुनाव लड़ाया लेकिन यह चुनाव भी वह हार गए।
पश्चिम बंगाल में दो चुनाव हारने के बाद वह सिक्किम में राजनीतिक गतिविधियां शुरू की। 2018 में उन्होंने अपनी पार्टी हमरा सिक्किम पार्टी बनाया। उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव गंगटोक और तुमेन-लिंगी से लड़ा लेकिन दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वह गंगटोक से 2019 में भी चुनाव लड़े लेकिन वह चुनाव भी हार गए। छठवीं बार वह 2024 में सिक्किम विधानसभा चुनाव बारफंग लोकसभा सीट से लड़े लेकिन इस बार भी असफल रहे।
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