वकील का दावा- 'ज्ञानवापी में अयोध्या से कहीं ज्यादा सुबूत मिले'- जानें क्या कहती है मस्जिद कमेटी?

वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक कर दी गई है। 800 से ज्यादा पन्नों की यह रिपोर्ट दोनों पक्षों को दी जा चुकी है। इस रिपोर्ट में ज्ञानवापी में कई बड़े और मजबूत साक्ष्य सामने आए हैं।

 

Manoj Kumar | Published : Jan 27, 2024 8:56 AM IST

Gyanvapi ASI Report. ज्ञानवापी स्थित मां श्रृंगार गौरी की पूजा के लिए दायर की गई याचिका में मंदिर पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई ने जो रिपोर्ट जारी की है, उसमें अयोध्या से भी ज्यादा साक्ष्य ज्ञानवापी में मिले हैं। जानकारी के लिए बता दें कि जिला जज के आदेश पर रिपोर्ट की कॉपी दोनों पक्षों को दी जा चुकी है। इस रिपोर्ट को लेकर कई तरह के दावे किए जा रहे हैं।

क्या कहती है ज्ञानवापी की एएसआई रिपोर्ट

कोर्ट के आदेश पर भारतीय पुरातत्व विभाग ने ज्ञानवापी मस्जिद का सर्वे किया। इस सर्वे रिपोर्ट में पाया गया है कि पहले यह विशाल शिल मंदिर हुआ करता था। जो संरचना इस वक्त मौजूद है, वह मंदिर तोड़कर ही बनाई गई है क्योंकि मौजूदा संरचना 350 साल पुरानी है। जबकि मंदिर के साक्ष्य इससे कहीं ज्यादा पहले के हैं। वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि एएसआई को साक्ष्य तलाशने में काफी मेहनत करनी पड़ी। वहां की इमारत गिरा दी गई है, इसलिए साक्ष्य जुटाने के लिए गहरी खोदाई की गई। पश्चिमी दीवार हो या फिर तहखाने में रखी मूर्तियां, यह साक्ष्य बताने के लिए काफी हैं कि यहां पहले मंदिर हुआ करता था।

कितनी है रिपोर्ट की विश्वसनीयता

जैन ने कहा कि एएसआई देश की विश्वसनीय एजेंसी है और कोर्ट ने ही इसे नियुक्त किया। आधुनिक मशीनों का इस्तेमाल किया गया है इसलिए रिपोर्ट पर अविश्वास का कोई तर्क नहीं बनता। इससे ज्यादा भरोसेमंद रिपोर्ट कोई दूसरी नहीं हो सकती है। अयोध्या में भी राम मंदिर के लिए कोर्ट ने जो फैसला दिया, उसके पीछे का आधार भी एएसआई रिपोर्ट है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमने जो बात कोर्ट में रखी है, यह रिपोर्ट उसकी पुष्टि करती है। हमें कोर्ट में अपनी बात साबित करने में कोई दिक्कत नहीं होने वाली है।

अंजुमन इंतजामिया कमेटी का पक्ष

वादी पक्ष ने कहा कि ब्रिटिश इतिहासकार जेम्स प्रिंसेप की किताब में मंदिर की पुरानी संरचना को स्पष्ट तरीके से दर्शाया गया है। कहा कि हमने कोर्ट के सामने यह सारे मैप रखे थे। हमारा पूर्ण विश्वास है कि वहां पहले दिव्य और भव्य मंदिर हुआ करता था। जिसे तोड़कर मौजूदा संरचना तैयार की गई है। वहीं ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख करने वाली अंजुमन इंतजामिया कमेटी ने कहा है कि 800 पन्नों की रिपोर्ट है, मीडिया में कुछ चीजें वायरल की जा रही हैं। हम पहले भी वहां नमाज पढ़ रहे थे आगे भी पढ़ेंगे। 

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