50 साल पुराना सीमा विवाद सुलझाने असम-मेघालय ने उठाया बड़ा कदमः अमित शाह की मौजूदगी में 6 प्वाइंट पर समझौता

असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद के हल के लिए समझौता हुआ है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा और मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा ने गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में समझौता पर साइन किया।

Asianet News Hindi | Published : Mar 29, 2022 11:13 AM IST / Updated: Mar 29 2022, 04:56 PM IST

नई दिल्ली। असम और मेघालय के बीच 50 साल पुराने सीमा विवाद (Assam Meghalaya boundary dispute) के हल के लिए समझौता हुआ है। गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) की मौजूदगी में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा (Himanta Biswa Sarma) और मेघालय के सीएम कोनराड के संगमा (Conrad K Sangma) ने समझौता पर दस्तखत किया। 

जांच और विचार के लिए 31 जनवरी को दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा गृह मंत्रालय को मसौदा प्रस्ताव प्रस्तुत करने के दो महीने बाद असम और मेघालय के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। असम और मेघालय के बीच 884 किलोमीटर लंबी सीमा है। सीमा के 12 क्षेत्रों में से छह के विवाद के हल के लिए सरकारें मसौदा प्रस्ताव लेकर आई थीं। प्रस्तावित सिफारिशों के अनुसार 36.79 वर्ग किमी भूमि में से 18.51 वर्ग किमी जमीन असम अपने पास रखेगा और शेष 18.28 वर्ग किमी मेघालय को देगा। असम और मेघालय के बीच समझौता महत्वपूर्ण है क्योंकि दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद बहुत लंबे समय से लंबित है। विवाद की शुरुआत 1972 में हुई थी जब मेघालय को असम से अलग कर दिया गया था। 

असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि अंतरराज्यीय सीमा को लेकर हमारे बीच विवाद के 12 क्षेत्र थे। विवाद के 6 क्षेत्रों का समाधान किया गया है। वहीं, मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने कहा कि सबसे पहले मैं गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने हमें पूर्वोत्तर राज्यों में सीमा विवादों को सुलझाने का निर्देश दिया। आज संकल्प का पहला चरण हो चुका है। यह असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा के कारण ही संभव हो सका।

पीएम और गृह मंत्री ने सीमा विवाद के हल के लिए दिया जोर
मेघालय के सीएम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की ओर से सीमा विवाद के हल के लिए जोर दिया गया था। वे चाहते थे कि असम-मेघालय सीमा विवाह का हल हो जाए। क्योंकि अगर भारत और बांग्लादेश सीमा मुद्दों को हल कर सकते हैं तो राज्य क्यों नहीं कर सकते। यह प्रक्रिया लंबे समय से चल रही है। सबने अपना-अपना काम किया, अपने-अपने तरीके से योगदान दिया। केंद्र और दोनों राज्य सरकारों द्वारा पिछले कुछ वर्षों में इस मामले में अच्छी प्रगति की गई।

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कोनराड संगमा ने कहा कि सीमा विवाद पिछले 50 वर्षों से है। हम इस साल अपने राज्य की स्वर्ण जयंती मना रहे हैं। 50 साल बाद भी यह मुद्दा बना हुआ था। समाज का एक बड़ा वर्ग इसका समाधान चाहता है। इसलिए हम अमित शाह और असम के सीएम सरमा के बहुत आभारी हैं। हम 12 में से मतभेदों के पहले 6 क्षेत्रों में हल करने या कम से कम किसी प्रकार के संकल्प पर आने में सक्षम थे। मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रस्ताव है और इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में बहुत शांति होगी।

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