कोरोना के बाद देश के इस हिस्से में फैली नई बीमारी, 14,000 सूअरों की मौत हो गई, खतरे में लोगों की जान

देश को कोरोना महामारी का संकट खत्म भी नहीं हुआ कि असम अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया है। इस प्लू की वजह से 10 जिलों में 14,000 से अधिक सूअर की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि सूअरों के शव को गहरा गढ्डा खोदकर दफनाए।  

Asianet News Hindi | Published : May 12, 2020 11:39 AM IST / Updated: May 12 2020, 05:10 PM IST

नई दिल्ली. देश को कोरोना महामारी का संकट खत्म भी नहीं हुआ कि असम अफ्रीकी स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया है। इस प्लू की वजह से 10 जिलों में 14,000 से अधिक सूअर की मौत हो चुकी है। राज्य सरकार ने किसानों को सलाह दी है कि सूअरों के शव को गहरा गढ्डा खोदकर दफनाए। इतना ही नहीं, सूअरों से दूरी बनाने के लिए भी स्थानीय लोगों ने कई जतन किए हैं। 

नहर खोदकर सूअरों को रोका जा रहा
सूअर स्थानीय लोगों के संपर्क में न आ सके, इसके लिए नहर खोदकर उन्हें अलग जगह रखा जा रहा है। राज्य के पशुपालन मंत्री अतुल बोरा ने बताया कि सरकार संक्रमण को रोकने के लिए सभी संभव कदम उठा रही है। 

6 फीट गहरी- 2 किमी लंबी नहर खोदी गई
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया, संक्रमण 6 जिलों से 3 और जिलों माजुली, गोलाघाट और कामरूप मेट्रोपॉलिटन में फैल गया है। शुरुआत में राज्य के 6 जिलों डिब्रूगढ़, शिवसागर, जोरहाट, धेमाजी, लखीमपुर और बिश्वनाथ जिले में संक्रमण सामने आया था। असम के पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री अतुल बोरा ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान का दौरा किया और जंगली सूअरों को जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। मृत सूअरों को दफनाने के लिए 6 फीट गहरी और 2 किमी. लंबी नहर खोदी गई। 

असम के सीएम ने क्या निर्णय लिया?
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने पशु चिकित्सा एवं वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वे पशु को बीमारी से बचाने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के राष्ट्रीय सूअर अनुसंधान केंद्र (NPRC) के साथ मिलकर काम करें।

सूअरों की आबादी 30 लाख
2019 की गणना के अनुसार राज्य में सूअरों की संख्या 21 लाख थी, जो बढ़कर लगभग 30 लाख हो गई है। राज्य सरकार ने सूअरों को तुरंत नहीं मारने का फैसला किया है और बीमारी के प्रसार को रोकने का वैकल्पिक विकल्प चुना है।

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