असम: 12 साल में उग्रवादियों से भर गए राज्य के जेल, 5202 उग्रवादी गिरफ्तार किए गए, महज 1 का दोष हो सका साबित

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसी महीने विधानसभा में बताया कि 2016 में बीजेपी के नेतृत्व में असम में जब सरकार बनी तो उसके बाद 1561 युवा उग्रवादी संगठनों में शामिल हुए। हालांकि, सबसे राहत वाली बात यह है कि इसी अवधि के दौरान, 7,935 आतंकवादी मुख्यधारा में लौट आए हैं।

Dheerendra Gopal | Published : Sep 25, 2022 1:15 PM IST

Assam extremists arrest: असम और आसपास के क्षेत्रों में उग्रवाद से निपटने के लिए लगातार कार्रवाई हो रही हैं। पिछले 12 वर्षों में असम के विभिन्न हिस्सों में 5202 उग्रवादियों को अरेस्ट किया गया है। इन गिरफ्तार उग्रवादियों में अधिकतर बोडो, गारो, राभा, कार्बी, आदिवासी व मुस्लिम हैं। इन गिरफ्तार उग्रवादियों से असम की जेलें भरी पड़ी हैं क्योंकि अभी तक आधा से अधिक के खिलाफ चार्जशीट तक दाखिल नहीं हो सका है। पांच हजार से अधिक उग्रवादियों में से केवल एक को ही दोषी ठहराया जा सका है।

जांच में देरी से...हजारों के खिलाफ आरोप-पत्र ही नहीं

असम के ऑफिशियल रिकॉर्ड्स के अनुसार 2011 से 4 सिंतबर 2022 तक 5202 उग्रवादियों को अरेस्ट किया गया है। इनमें से करीब 2606 लोगों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया जा चुका है। हालांकि, अधिकतर मामलों में सुनवाई चल रही है और जस्टिस पेंडिंग ही है। इन 12 सालों में केवल एक व्यक्ति को ही कोर्ट से दोषी सिद्ध किया जा सका है। जानकारी के अनुसार 2012 में लखीमपुर जिला में एक उग्रवादी को ही सिर्फ दोषी ठहराया जा सका है। 

अधिकतर उग्रवादी इन समूहों के ही...

उल्फा व अन्य चरमपंथी ग्रुप्स से कथित तौर पर ताल्लुक रखने वाले इन कथित उग्रवादियों में अधिकतर बोडो, गारो, राभा, कार्बी, आदिवासी और मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो 5202 उग्रवादियों में सबसे अधिक 2392 बोडो लोगों के समूहों से हैं। जबकि उल्फा से 1,468 और कार्बी समूहों से 582 लोग अरेस्ट किए गए हैं। पुलिस ने आदिवासी समूहों से ताल्लुक रखने वाले 346 लोगों को अबतक गिरफ्तार किया है तो 178 गारो लोगों को अरेस्ट किया गया है। इसी तरह राभा समुदाय से 81 लोगों को उग्रवादी होने के आरोप में अरेस्ट किया गया है तो 155 मुस्लिम समुदाय के लोग उग्रवाद में अरेस्ट हैं।

2016 में 7935 उग्रवादी मुख्यधारा में लौटे

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसी महीने विधानसभा में बताया कि 2016 में बीजेपी के नेतृत्व में असम में जब सरकार बनी तो उसके बाद 1561 युवा उग्रवादी संगठनों में शामिल हुए। हालांकि, सबसे राहत वाली बात यह है कि इसी अवधि के दौरान, 7,935 आतंकवादी मुख्यधारा में लौट आए हैं।

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