अतीक अहमद और अशरफ की हत्या पर UP सरकार ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट: योगी आदित्यनाथ अधिकारियों के साथ लगातार कर रहे हाईलेवल मीटिंग, जानिए 10 facts
प्रयागराज सहित कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। वारदात के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार हाईलेवल मीटिंग्स कर रहे हैं। माफिया से राजनीतिज्ञ बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या से जुड़े अपडेट्स...
Dheerendra Gopal | Published : Apr 16, 2023 11:51 AM IST / Updated: Apr 17 2023, 11:12 AM IST
Ateek Ahmad murder case updates: टीवी कैमरों के सामने पुलिस से घिरे अतीक अहमद की चौंकाने वाली हत्या के बाद राज्य में हाई अलर्ट है। कहीं किसी तरह की स्थितियां प्रतिकूल न हो इसके लिए राज्य में गश्ती तेज कर दी गई है। प्रयागराज सहित कई इलाकों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। वारदात के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार हाईलेवल मीटिंग्स कर रहे हैं। माफिया से राजनीतिज्ञ बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या से जुड़े अपडेट्स...
यूपी पुलिस के अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ-साथ अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) और मुख्यमंत्री संजय प्रसाद के बीच एक हाईलेवल मीटिंग के बाद शनिवार की घटना के बारे में योगी आदित्यनाथ सरकार ने गृह मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपी है।
यूपी के मुख्यमंत्री लखनऊ में सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बड़ी बैठक कर रहे हैं। पहले की रिपोर्टों के विपरीत, अभी तक पुलिस पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
लवलेश तिवारी इससे पहले भी जेल जा चुका है। उसके पिता ने मीडिया को बताया कि परिवार का उनसे कोई लेना-देना नहीं है। पिता यज्ञ तिवारी ने कहा कि लवलेश कई बार घर आता था और पांच-छह दिन पहले भी बांदा में था। वह मेरा बेटा है। हमने टीवी पर घटना देखी। हमें लवलेश की हरकतों की जानकारी नहीं है और न ही इससे हमारा कोई लेना-देना है। वह कभी यहां नहीं रहता था और न ही वह हमारे पारिवारिक मामलों में शामिल था। हम उसके साथ वर्षों से बात नहीं कर रहे हैं। उसके खिलाफ पहले से ही एक मामला दर्ज है। वह उस मामले में जेल गया था।
यज्ञ तिवारी ने कहा कि वह काम नहीं करता। वह ड्रग एडिक्ट था। हमारे चार बच्चे हैं। हमें इस बारे में कुछ नहीं कहना है। तीन शूटरों द्वारा क्रॉस फायरिंग के दौरान लवलेश के पैर में गोली लगी। उसका इलाज प्रयागराज के एक अस्पताल में चल रहा है।
सनी के खिलाफ 14 मामले दर्ज हैं और वह हिस्ट्रीशीटर घोषित होने के बाद से फरार है। उनके पिता की मृत्यु हो गई थी और उसने पैतृक संपत्ति में अपना हिस्सा बेचकर घर छोड़ दिया था। सनी अब पांच साल से अधिक समय से अपने परिवार, अपनी मां और भाई से मिलने नहीं गया। उसका भाई चाय की दुकान चलाता है।
शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा कि वह इधर-उधर घूमता था और कोई काम नहीं करता था। हम अलग रहते हैं और नहीं जानते कि वह अपराधी कैसे बन गया। हमें इस घटना के बारे में कोई जानकारी नहीं है।
तीसरा शूटर अरुण बचपन में ही घर छोड़कर चला गया था। उसका नाम 2010 में ट्रेन में एक पुलिसकर्मी की हत्या के मामले में सामने आया था। वह दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करता था। तीनों प्रयागराज के एक लॉज में ठहरे हुए थे।
आरोपियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि वे कुख्यात अपराधी बनना चाहते थे, इसलिए उन्होंने अतीक की हत्या कर दी। हालांकि पुलिस अभी तक उनके कबूलनामे पर विश्वास नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी गवाही में अंतर है और पुलिस जांच जारी रखेगी। एफआईआर में गिरफ्तार हमलावरों के हवाले से पुलिस को बताया गया है, "हम अतीक-अशरफ गिरोह का पूरी तरह से सफाया करने और अपना नाम बनाने के उद्देश्य से अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को मारना चाहते थे।"
मामले की प्राथमिकी में कहा गया है कि जैसे ही हमें अतीक और अशरफ को पुलिस हिरासत में लिए जाने की खबर मिली, हमने स्थानीय पत्रकार बनकर और भीड़ में शामिल होकर उन्हें मारने की योजना बनाई। वे तीन फर्जी मीडिया पहचान पत्र, एक कैमरा और माइक लेकर पहुंचे थे।
गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ की शनिवार रात हिरासत में सनसनीखेज ऑन-कैमरा हत्या कर दी गई। बड़े पैमाने पर आलोचना का सामना कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस अब तक इस घटना के बारे में चुप्पी साधे हुए है। प्रयागराज के कुछ इलाकों में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है।