Beating Retreat 2022: आज 1,000 स्वदेशी ड्रोन बढ़ाएंगे आसमान की शोभा, बजेंगी 26 धुनें

देश में बने 1,000 ड्रोन आज विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में दर्शकों को रोमांचित करते नजर आएंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राम नाथ कोविन्द शामिल होंगे।

Asianet News Hindi | Published : Jan 29, 2022 1:32 AM IST / Updated: Jan 29 2022, 07:18 AM IST

नई दिल्ली। देश में बने 1,000 ड्रोन आज विजय चौक पर बीटिंग रिट्रीट समारोह (Beating Retreat 2022) में दर्शकों को रोमांचित करते नजर आएंगे। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति और सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर राम नाथ कोविन्द (Ram Nath Kovind) शामिल होंगे। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चीन, रूस और ब्रिटेन के बाद भारत 1,000 ड्रोन के साथ इतने बड़े पैमाने पर ड्रोन शो का आयोजन करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड (टीडीबी) द्वारा वित्त पोषित और आईआईटी दिल्ली के पूर्व छात्रों के नेतृत्व में भारतीय स्टार्टअप बोटलैब, लाइट शो के एक हिस्से के तौर पर बीटिंग रिट्रीट समारोह में 1,000 ड्रोन उड़ाएगा। स्टार्ट-अप, बोटलैब डायनेमिक्स को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा अनुसंधान एवं विकास के लिए एक करोड़ रुपए का प्रारंभिक सीड फंड दिया गया था और बाद में प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड द्वारा पहले विकसित करने के लिए स्केल अप और व्यावसायीकरण के लिए 2.5 करोड़ रुपए दिए गए थे।

बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी से होता है गणतंत्र दिवस सेलिब्रेशन का समापन 
गणतंत्र दिवस सेलिब्रेशन 4 दिन का होता है। इस साल 23 जनवरी यानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के दिन से ही गणतंत्र दिवस मनाने की घोषणा की गई है। इसलिए यह कार्यक्रम एक सप्ताह का हो गया है। 29 जनवरी को गणतंत्र दिवस सेलिब्रेशन का समापन होता है। इसका समापन बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के साथ होता है। बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी सेना की बैरक वापसी का प्रतीक है। पहले जब सेनाएं युद्ध के दौरान सूर्यास्त के बाद हथियारों को रखकर अपने कैंप में लौटती थी तब संगीतमय समारोह होता था, जिसे बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी कहा जाता है।

बजेंगी 26 धुनें
इस बार बीटिंग द रिट्रीट सेरेमनी के दौरान 26 धुन बजाई जाएंगी। शुरुआत बिगुल पर फनफेयर धुन के साथ होगी। इसके बाद मास बैंड वीर सैनिक गीत, पाइप्स बैंड और ड्रम्स बैंड 6 धुन बजाएंगे। केंद्रीय सशस्त्र बल तीन धुन बजाएंगे और एयरफोर्स का बैंड चार धुन बजाएगा। फ्लाइट लेफ्टिनेंट एल.एस. रूपाचंद्रन की तरफ से खास लड़ाकू धुन प्रस्तुत किया जाएगा। इसके बाद नौ सेना के जवान चार धुन बजाएंगे। इसके बाद आर्मी बैंड तीन धुन बजाएगा। सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा के साथ कार्यक्रम का समापन होगा। 

इस बार नहीं बजेगी महात्मा गांधी की फेवरेट धुन
1950 से बीटिंग रिट्रीट गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल है। शुरुआत में अंग्रेजी धुनें ही बजाई जाती थीं। बाद में धीरे-धीरे भारतीय धुनों ने अपनी जगह बनाई। अग्रेजी धुन 'अबाइड बिद मी' बीटिंग रिट्रीट समारोह में बनी रही। यह महात्मा गांधी को बहुत पसंद थी। इस साल इसे भी हटा दिया गया है।

दो बार रद्द हुआ है बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी
गणतंत्र दिवस के अवसर पर बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी मनाने की परंपरा भारत में 1950 से है। अभी तक दो बार इस कार्यक्रम को रद्द किया गया है। 2001 में गुजरात भूकंप और 2009 में देश के आठवें राष्ट्रपति वेंकटरमन के निधन के चलते इसे रद्द किया गया था।

बीटिंग रिट्रीट का इतिहास
बीटिंग रिट्रीट 17वीं शताब्दी के अंत से मनाई जा रही है। तब इसका अर्थ था सूर्यास्त के समय सैन्य टुकड़ियों का युद्ध से अलग होना। रॉयल आयरिश वर्चुअल मिलिट्री गैलरी के अनुसार, 18 जून 1690 को James II की सेना को ड्रम बजाकर रात में पीछे हटने के लिए कहा गया था। बाद में 1694 में William III की सेना ने इसी तरह के आदेश दिए। बिगुल, तुरही और ढोल की आवाज सैनिकों को अपनी तलवारें लपेटने और युद्ध के मैदान से हटने का संकेत देती थी।

 

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