बचके रहना रे बाबा! ऑनलाइन जॉब के नाम पर 6 करोड़ की ठगी, 10 गिरफ्तार

बेंगलुरु पुलिस ने ऑनलाइन जॉब के नाम पर 6 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी लोगों को क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग में निवेश करने का झांसा देकर ठगी करते थे.

rohan salodkar | Published : Sep 28, 2024 5:19 AM IST

बेंगलुरु. ऑनलाइन जॉब के नाम पर टास्क देकर और ज्यादा मुनाफे का लालच देकर बेंगलुरु समेत देशभर में करीब 6 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले 10 आरोपियों को उत्तर डिवीजन के साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 

सैयद याह्या (32), उमर फारूक (34), मोहम्मद महीन (32), मोहम्मद (35), (35), 250 (35), वटीम (30), सैयद जैद (24), साहिल अब्दुल अनान (30) और ओम प्रकाश (30) गिरफ्तार किए गए हैं. आरोपियों के पास से 1.74 लाख रुपये नकद, वारदात में इस्तेमाल किए गए 72 मोबाइल, 182 डेबिट कार्ड, 2 लैपटॉप, 133 सिम कार्ड, 127 बैंक पासबुक जब्त किए गए हैं. अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपी बेंगलुरु के रहने वाले हैं. 

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क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग के नाम पर ₹25.37 लाख की ठगी: 

पिछले जून में टी. दासरहल्ली निवासी रमेश (बदला हुआ नाम) के मोबाइल पर व्हाट्सएप पर एक अज्ञात नंबर से ऑनलाइन जॉब के बारे में मैसेज आया. इसके बाद रमेश को कुछ लिंक भेजकर अज्ञात व्यक्ति ने उसे एक टेलीग्राम ग्रुप में जोड़ दिया. फिर कुछ टास्क देकर लग्जरी होटलों का रिव्यू करने को कहा. रमेश ने उसके कहे अनुसार ₹150 ट्रांसफर कर दिए. रिव्यू के बाद रमेश के खाते में 500 रुपये ट्रांसफर कर दिए गए. इसी तरह कई रिव्यू करवाकर ज्यादा पैसे ट्रांसफर किए गए. इससे रमेश को इस ऑनलाइन जॉब पर भरोसा हो गया. इसके बाद, अज्ञात व्यक्ति ने रमेश को क्रिप्टो करेंसी ट्रेडिंग में निवेश करने पर ज्यादा मुनाफा होने का झांसा दिया. 20 जून से 1 जुलाई के बीच रमेश ने अलग-अलग किश्तों में अज्ञात व्यक्ति द्वारा बताए गए बैंक खातों में 25.37 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए. बाद में अज्ञात व्यक्ति ने कोई मुनाफा नहीं दिया और धोखाधड़ी कर फरार हो गया. अधिकारियों ने बताया कि रमेश की शिकायत पर मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू की गई और 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. 

बैंक खातों की जानकारी ने दिया सुराग: 

पुलिस की तफ्तीश में सामने आया है कि रमेश के खाते से बेंगलुरु के ही कुछ लोगों के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए थे. इन बैंक खातों की जानकारी के आधार पर आर.टी. नगर के कैफे कॉफ़ी डे के सामने सात आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस दौरान आरोपियों के पास से लैपटॉप, 23 मोबाइल, 1.24 लाख रुपये नकद, 99 डेबिट कार्ड, 50 एटीएम कार्ड और 41 अन्य कार्ड बरामद हुए हैं, जिन्हें जब्त कर लिया गया है. पूछताछ के दौरान आरोपियों ने साइबर ठगी की बात कबूल कर ली है.

चीन से लौटे तीन आरोपी गिरफ्तार 

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने मामले के मुख्य आरोपी सैयद याह्या, उमर फारूक और मोहम्मद महीन का नाम बताया. उन्होंने बताया कि ये तीनों साइबर ठगों से मिलने चीन गए थे. इस जानकारी के बाद साइबर पुलिस ने तीनों की तलाश के लिए लुक आउट नोटिस जारी किया. 15 सितंबर को जब ये तीनों आरोपी चीन से केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उतरे तो हवाई अड्डे के अधिकारियों ने उन्हें हिरासत में लेकर साइबर पुलिस को सौंप दिया. अधिकारियों ने बताया कि इसके बाद आरोपियों से पूछताछ की गई और शहर के अलग-अलग इलाकों से वारदात में इस्तेमाल किए गए मोबाइल, डेबिट कार्ड, पासबुक और एटीएम कार्ड जब्त किए गए.

किंगपिन निकले चीनी नागरिक

इस सुनियोजित साइबर ठगी गिरोह के किंगपिन चीनी नागरिक हैं. मामले के मुख्य आरोपी सैयद याह्या, उमर फारूक और मोहम्मद महीन चीन जाकर किंगपिन से मिले थे. किंगपिन के निर्देश पर उन्होंने अपना एक गिरोह बनाया और बेंगलुरु समेत देश के अलग-अलग राज्यों में ऑनलाइन जॉब के नाम पर ठगी करने लगे. आरोपी सैयद याह्या और उमर फारूक का पीण्या थाना क्षेत्र के नेलगदरनहल्ली में दफ्तर था. अधिकारियों ने बताया कि इस दफ्तर पर छापा मारकर 47 बैंक पासबुक, 48 सिम कार्ड, 31 डेबिट कार्ड और 9 मोबाइल जब्त किए गए हैं.

21 राज्यों में 122 मामले दर्ज 

तफ्तीश में पता चला है कि आरोपियों ने ऑनलाइन जॉब के नाम पर कर्नाटक समेत देश के 21 राज्यों में करीब 6 करोड़ रुपये की ठगी की है. इस सिलसिले में राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल (एनसीआरपी) पर 122 मामले दर्ज हैं. असम, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश में 1-1, केरल में 2, छत्तीसगढ़, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड में 3-3, पंजाब में 4, राजस्थान में 5, बिहार में 6, गुजरात में 7, कर्नाटक में 9, आंध्र प्रदेश में 10, तेलंगाना और महाराष्ट्र में 12-12, उत्तर प्रदेश में 16 और तमिलनाडु में 20 मामले दर्ज हैं.

 

कमीशन देकर खरीदते थे दस्तावेज

आरोपी ठगी के लिए बिचौलियों और जान-पहचान वालों के जरिए लोगों के बैंक पासबुक, सिम कार्ड और डेबिट कार्ड हासिल करते थे. पूछताछ में पता चला है कि ठगी की रकम ट्रांसफर होते ही वे पैसे निकाल लेते थे और खाताधारक को तय कमीशन देते थे. अधिकारियों ने बताया कि इस सुनियोजित ठगी गिरोह में कई और लोग शामिल हैं और तफ्तीश जारी है.

₹25 हजार का इनाम 

साइबर ठगी गिरोह का भंडाफोड़ करने और 10 आरोपियों को गिरफ्तार करने वाली उत्तर डिवीजन की साइबर क्राइम थाना पुलिस की तारीफ करते हुए शहर के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने टीम को ₹25 हजार का नकद इनाम देने का ऐलान किया है.

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