पटना बालिका गृह कांड को लेकर हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार को हाईकोर्ट ने फटकार लगाई है, कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अब तक क्यों कार्रवाई नहीं हुआ है। बता दें कि चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद नीतीश सरकार की जमकर किरकिरी हुई थी, ऐसें में एक बार फिर से पटना बालिका गृह कांड को लेकर नीतीश सरकार कटघरे में है। युवती का आरोप है कि जेल में उन्हें नशीली दवाएं दी जाती थीं और जबरन उनसे गलत काम करवाया जाता था। हालांकि अब शेल्टर होम संचालिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गया है।
नई दिल्ली : चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के बाद अब पटना में गायघाट बालिका गृह (Gaighat Shelter Home) सुर्खियों में है, दरअसल, रिमांड होम से भागी एक युवती ने शेल्टर होम संचालिका वंदना गुप्ता (Vandana Gupta) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती का कहना है कि शेल्टर होम में लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण होता है, जिसके बाद से बालिका गृह की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए है। इस मामले को नीतीश सरकार की भी किरकिरी हो रही है, विपक्ष भी लगातार बिहार सरकार पर हमलावर है। वहीं हाईकोर्ट ने भी नीतीश सरकार को फटकार लगाई है। आइए जानते हैं कि युवती ने क्या आरोप लगाए हैं और क्या है पूरा मामला
हाईकोर्ट ने लगाई बिहार सरकार को फटकार
इस मामले के तूल पकड़ने पर पटना हाईकोर्ट ने तीन फरवरी को स्वत: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने इस मुद्दे पर समाज कल्याण विभाग के डायरेक्टर को सिर्फ सीसीटीवी कैमरे देखकर ही लड़की के आरोपों को नकारने पर फटकार लगाई थी, समाज कल्याण विभाग ने पीड़िता का बयान दर्ज किया था, उससे तीन घंटे तक पूछताछ चली और बाद में विभाग ने लड़की को झगड़ालू बताते हुए अधीक्षिका को क्लीन चिट दे दिया था, जिससे चलते कोर्ट ने विभाग को फटकार लगाई थी। इसके बाद कोर्ट में 7 फरवरी को दोबार सुनवाई हुई इस दौरान कोर्ट ने बिहार सरकार को फटकार लगाई है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि अब तक इस मामले में क्या कार्रवाई हुई है। इसके साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार से मामले में जवाब मांगा है। अदालत ने पूछा कि इस मामले में अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई। इस पर महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि पीड़िता का पक्ष ठीक से सुनने के बाद ही कार्रवाई की जाएगी।
युवती ने लगाया यह आरोप
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, युवती ने शेल्टर होम की अधीक्षिका के ऊपर लड़कियों का शारीरिक और मानसिक शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं। युवती का कहना है कि बालिका गृह में रहने वाली उसके जैसी और अन्य महिलाओं को नशीली दवा देकर जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर किया जाता है। उसने यह भी आरोप लगया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती है।
फंस सकती है शेल्टर होम संचालिका वंदना गुप्ता
इस मा्मले को लेकर थाने में शिकायत भी दर्ज हो चुकी है। दरअसल मामले के तूल पकड़ने के बाद कई और महिलाओं के शिकायत करने की बात भी सामने आई थी। प्राथमिकी दर्ज कराने वाली पीडि़ता भी इनमें से एक है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने में धारा 354ए और 450 के तहत आश्रय गृह की अधीक्षक वंदना गुप्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि पुलिस ने कोर्ट के दवाब के चलते यह एफआ्ईआर दर्ज किया है। पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा है कि ‘वह 4 साल तक गायघाट शेल्टर होम में रही और 2020 में रिहा हो गई। इस दौरान वंदना गुप्ता कैदियों को नशीली दवाएं लेने पर मजबूर करती है। इतना ही नहीं उनके साथ यौन शोषण जैसे जघन्य वारदात को भी अंजाम दिया जाता था। इससे मामले पर महिला थाना प्रभारी किशोरी सहचरी ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की छानबीन की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीडि़ता ने नशे का इंजेक्शन, मारपीट, बाहरी लोगों के अंदर भेजने का आरोप लगाई है।
विपक्ष ने नीतीश सरकार को घेरा
इस मामले को लेकर बिहार की सियासतर गरमा गई है। विपक्ष की पार्टियां लगातार नीतीश सरकार पर हमला बोल रही हैं और मामले की जांच की मांग कर रही हैं। पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने इस तरह की घटना पूरी मशीनरी की विफलता का परिणाम है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब सरकार की निगरानी में हो रहा है। बिहार के लोग देख रहे हैं कि राज्य में सरकार कैसे काम कर रही है। इस मामले लेकर पूर्व आईपीएस अमिताभ दास ने भी राज्यपाल को पत्र लिखकर जांच की मांग की है।
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