सार
19 जनवरी 2018 को महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple Blast Case) में ब्लास्ट हुआ था. इस मामले में अब तक आठ जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश के आतंकियों को सजा हो चुकी है, वहीं आखिरी आरोपी को कोर्ट ने दोषी करार दिया है, उसकी सजा पर कोर्ट आज फैसला सुनाएगी, लेकिन आज हम आपको इस घटना से जुड़े हुए हर पहलुओं से रूबरू करवाने जा रहे हैं...
पटना : बोधगया बम विस्फोट (Bodh Gaya Bomb Blast) मामले में एनआईए (NIA) की एक विशेष अदालत ने जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आतंकवादी बांग्लादेशी नागरिक जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर को तीन आईईडी लगाने का दोषी ठहराया है। दरअसल, आरोपी जाहिदुल इस्लाम ने अपना अपराध स्वीकार करने के लिए 24 जनवरी को कोर्ट में आवेदन दिया था। इस मामले में अब तक आठ आतंकियों को सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर की सजा पर 11 फरवरी यानी आज सुनवाई होगी।आपको बता दें कि इस घटना के बाद पूरे देश में हलचल मच गई थी। विस्फोट बिहार के बोधगया मंदिर परिसर में और उसके आसपास जनवरी 2018 में दलाई लामा और पूर्वी राज्य के तत्कालीन राज्यपाल की निर्धारित यात्रा से पहले हुआ था। आइए जानते हैं कि उस दिन क्या हुआ था...
क्या है पूरा मामला
बता दें कि मामला 19 जनवरी 2018 का है। जिसमें दलाई लामा के अलावा कई देशों के धर्मावलंबी और विशिष्ट अतिथि शामिल हुए थे, इसी दौरान कालचक्र मैदान के पास एक थरमस फ्लास्क में बम विस्फोट हुआ था। इसके अलावा श्रीलंकाई मठ के पास और महाबोधि मंदिर के गेट नंबर-4 की सीढ़ियों के पास से दो और आईइडी बरामद किये गये थे। इसके बाद पुलिस ने मौके पर तलाशी अभियान चलाए थे। इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में विस्फोट पदार्थ बरामद किये थे। हालांकि इस घटना में किसी भी व्यक्ति की जान नहीं गई थी। पुलिस द्वारा शुरुआती जांच के बाद इस मामले को गंभीरता से देखते हुए तीन फरवरी 2018 को एनआईए को सौंप दी गई थी। विस्फोट होने के बाद घटनास्थल पर चीख पुकार मच गई थी और देशभर में हड़कंप मच गया था।
नौ लोगों के खिलाफ दायर हुई थी चार्जशीट
एनआईए ने इस मामले में 9 अभियुक्तों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया था। एनआई में अपने हांथ में जांच लेने के बाद साल 2018 में तीन गिरफ्तार आरोपियों पैगम्बर शेख, अहमद अली और नूर आलम मोमिन के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। हालांकि 2019 में एनआई ने 6 और व्यक्तियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था, जिसमें आदिल शेख, दिलवर हुसैन, अब्दुल करीम उर्फ कोरीम, मुस्तफा रहमान, जाहिदुल इस्लाम उर्फ कौसर और आरिफ हुसैन के खिलाफ पूरक आरोपपत्र दायर किया गया था।
ऐसे रची गई थी साजिश
एनआईए ने जांच में पाया गया था कि गणमान्य व्यक्तियों के दौरे से पहले दोषी व्यक्तियों ने बोधगया मंदिर परिसर में आईईडी लगाकर साजिश रची थी। जेएमबी के आतंकवादियों ने एक-दूसरे से संपर्क किया, एक साथ यात्रा की, साजिश रची और विस्फोटक खरीदे, बोधगया मंदिर परिसर में इन तीनों आईईडी को लगाया।
17 दिसंबर को आठ अभियुक्तों की हुई थी सजा
इसके बाद 10 दिसंबर 2021 को आठ अभियुक्तों ने अपना गुनाह कबूल लिया था और अदालत ने इन लोगों को दोषी करार दिया है। इसके बाद एनआइए के विशेष जज गुरुविंदर सिंह मल्होत्रा की अदालत ने 17 दिसंबर को आठ आरोपियों को सजा सुनायी थी। इनमें से तीन को उम्रकैद व जुर्माना और पांच को 10-10 वर्ष का कारावास व जुर्माना की सजा दी गयी थी। जिन्हें उम्रकैद की सजा दी थी।
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इन 8 दोषी को हुई है अब तक सजा
⦁ अहमद अली उर्फ कालू - उम्रकैद
⦁ दिलावर हुसैन -दस साल
⦁ पैगम्बर शेख - उम्रकैद
⦁ मुस्तफा रहमान उर्फ शाहिन उर्फ तुहिन- दस साल
⦁ नूर आलम मोमिन - उम्रकैद
⦁ आरिफ हुसैन उर्फ अतातुर्क उर्फ सैयद उर्फ अनस उर्फ आलमगीर शेख -दस साल
⦁ मोहम्मद आदिल शेख उर्फ अब्दुल्लाह - दस साल
⦁ अब्दुल करीम उर्फ करीम शेख- दस साल
बताते चलें कि इससे पहले भी 7 जुलाई 2013 को महाबोधी मंदिर परिसर में एक के बाद एक दस बम विस्फोट हुए थे। इस घटना में पांच लोग घायल हो गए थे।