भूल-भुलैया वाला याबा टैबलेटः यह घोड़ों का भी दिमाग खराब कर देता है,20 ग्राम से ज्यादा मिलने पर मौत की सजा

सीमा सुरक्षा बल(BSF) ने असम के करीमगंज में एक ड्रग्स तस्कर को अरेस्ट करके उसके पास से 1000 याबा टैबलेट(Yaba tablets) जब्त की है। बता दें कि भारत में भूल-भुलैया कही जाने वाली यह ड्रग्स का गढ़ म्यांमार है। यह कई देशों में बैन है।

दिसपुर. (Dispur).सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने बुधवार को असम के करीमगंज में एक ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया है। उसके पास से 1,000 याबा टैबलेट बरामद किए गए हैं। बता दें कि भारत में भूल-भुलैया कही जाने वाली यह ड्रग्स का गढ़ म्यांमार है। यह कई देशों में बैन है। कुछ दिन पहले मिजोरम के कोलाबिस जिले से भी BSF की 38 बटालियन ने आबकारी और नारकोटिक्स विभाग के साथ मिलकर चलाई कार्रवाई में तीन तस्करों को पकड़ा था। इस ड्रग्स की कीमत 6.52 करोड़ बताई गई थी।

pic.twitter.com/Z27Hse6lXM

Latest Videos

यह भी पढ़ें-Uttar Pradesh: मातम में बदली विवाह की खुशियां, रस्म निभाने गईं लड़कियां और महिलाएं कुआं में गिरीं, 13 की मौत

म्यांमार में बनता है यह ड्रग्स
याबा एक लाल रंग की ड्रग्स होती है। इसे WY भी कहते हैं। इसका एक नाम पागलपन की दवा(madness drug) भी कहा जाता है। इस ड्रग्स को म्यांमार में बनाया जाता है। फिर इसे भारत के अलावा लाओस, थाइलैंड के अलावा दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश आदि भेज दिया जाता है। आमतौर पर यह दवा पहाड़ी घोड़ों की दी जाती है,  ताकि वे उन्माद में बिना रुके पहाड़ चढ़ते जाएं। यानी उन्हें होश ही न रहे। म्यांमार में 20 ग्राम से अधिक याबा मिलने पर उम्रकैद या मौत की सजा तक दी जाती है।

आखिर है क्या ये याबा?
याबा कई उत्तेजक दवाओं को मिलाकर तैयार किया जाता है। इसमें मुख्य पदार्थ कैफीन और मेथेम्फेटामाइन हैं। इसे क्रिस्टल मेथ के रूप में भी जाना जाता है। द्वितीय विश्व युद्ध में सैनिकों को सोने नहीं देने के लिए इस दवा का उपयोग किया जाता था। वजन घटाने के पूरक के रूप में भी इसका इस्तेमाल होता है। थाइलैंड में इसका सबसे अधिक उपयोग होता है, जबकि म्यांमार इसका सबसे बड़ा उत्पादक है। 

यह भी पढ़ें-बिहार में धनकुबेर निकला सब रजिस्टार, छापेमारी में मिली इतनी प्रॉपर्टी कि हक्का-बक्का रह गई विजिलेंस टीम

आतंकवादियों की फंडिंग का एक मुख्य जरिया
ड्रग्स तस्करी के जरिये आतंकवादी अपने लिए फंडिंग जुटाते हैं। असम राइफल्स भी सीमा पार से नार्को-आतंकवाद और म्यांमार से निकलने वाले उग्रवाद का मुकाबला करने में सबसे आगे हैं। सूत्रों के अनुसार यह नार्को-आतंकवाद म्यांमार में स्थित भारतीय आतंकवादी समूहों के लिए वित्त का एक प्रमुख स्रोत है। यहां के जरिये भारत के युवाओं में विशेष रूप से उत्तर पूर्व क्षेत्र में ड्रग्स सप्लाई की जाती है। असम राइफल्स ने कहा कि आतंकवादियों और नार्को-आतंकवाद से निपटने के लिए नागरिक प्रशासन और पुलिस के साथ निकट समन्वय में व्यापक अभियान चलाना जारी रखेगी।

यह भी पढ़ें-Deep Sidhu की मौत, कार भी पूरी तरह चकनाचूर, लेकिन पास बैठी गर्लफ्रेंड सलामत, ये कैसे मुमकिन? जानिए वो 3 वजह

भारत में गांजे की स्मगलिंग
राजस्व खुफिया निदेशालय (DRI) ने हाल में भारत में ड्रग्स तस्करी (Smuggling) पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार एक साल के अंतराल के बाद बिहार (Bihar) में फिर से सबसे अधिक गांजा (Hemp) बरामद हुआ। 2020-21 में बिहार में 12 मामलों में 13,446 किलोग्राम गांजा पकड़ा था। नागालैंड में दस मामलों से 9,001 किलोग्राम और उत्‍तर प्रदेश में छह मामलों में 8,386 किलोग्राम गांजा जब्त हुआ था। डीआरआई ने देश में लगभग 45 मीट्रिक टन गांजा सीज किया है। इन प्रदेशों के अलावा छत्तीसगढ़, तेलंगाना, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में बड़ी मात्रा में गांजा पकड़ा गया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2020-21 में तस्करों ने कोरियर और पोस्टल कार्गो को ड्रग्स तस्करी में सबसे अधिक इस्तेमाल किया।

यह भी पढ़ें-गुजरात हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने IPS को सुनाई 100 कैन कोका-कोला बांटने की सजा, जानें किस बात पर हुए नाराज
 

Share this article
click me!

Latest Videos

Hanuman Ashtami: कब है हनुमान अष्टमी? 9 छोटे-छोटे मंत्र जो दूर कर देंगे बड़ी परेशानी
अब क्या करेगा भारत... बांग्लादेश सरकार ने कहा- शेख हसीना को भेजिए वापस, बताई ये वजह
ममता की अद्भुत मिसाल! बछड़े को बचाने के लिए कार के सामने खड़ी हुई गाय #Shorts
LIVE 🔴: कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित क्रिसमस समारोह में पीएम मोदी का भाषण
Delhi Election से पहले BJP ने जारी की Arvind Kejriwal के खिलाफ चार्जशीट