Bulli Bai App : पुलिस ने दायर की 917 पेज की चार्जशीट, मुस्लिम महिलाओं की नीलामी करने वालों पर क्या आरोप लगाए

Bulli Bai app case : साइबर सेल ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया, जो सोशल मीडिया पर विशेष रूप से सक्रिय थीं। जांच में पता चला कि आरोपियों ने ऐसे अकाउंट्स पर नजर रखी थी और इन महिलाओं के सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड की गई तस्वीरों का इस्तेमाल उनकी सहमति के बिना अवैध और अनैतिक ऑनलाइन नीलामी के लिए किया था।

Asianet News Hindi | Published : Mar 11, 2022 7:26 AM IST / Updated: Mar 11 2022, 12:57 PM IST

मुंबई। बुली बाई केस (Bulli bai case) में पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ मुंबई पुलिस ने 917 पेज की चार्जशीट दायर की है। इसमें उसने छह लोगों को आरोपी बनाया है। 917 पन्नों वाली यह चार्जशीट पिछले हफ्ते मुंबई के बांद्रा में मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कोमलसिंह राजपूत के समक्ष दायर पेश की गई। मामला मुस्लिम महिलाओं की नीलामी के लिए  बनाए गए बुली बाई नामक ऐप का है, जो गिटहब प्लेटफॉर्म पर बनाया गया था।  

इंदौर से लेकर ओडिशा तक फैलाया जाल
ऐप के जरिये नीलामी की प्रक्रिया में उन मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया गया था, जो सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहती हैं। पीड़ितों की शिकायत पर एक जनवरी 2022 को इस मामले में एफआईआर दर्ज हुई और जांच शुरू की गई। पुलिस ने दावा किया है कि ऐप को आरोपी नीरज बिश्नोई ने गिटहब पर लॉन्च और होस्ट किया था। जांच में यह भी पता चला कि बिश्नोई ने 'सुल्ली डील' के सोर्स कोड का इस्तेमाल किया, जो मध्यप्रदेश के ओंकारेश्वर ठाकुर द्वारा बनाया गया था। इंदौर से लेकर ओडिशा तक इस मामले के आरोपी पकड़े गए।

महिलाओं के ट्विटर हैंडल से उठाईं उनकी तस्वीरें
साइबर सेल ने आरोप लगाया कि आरोपियों ने ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया, जो सोशल मीडिया पर विशेष रूप से सक्रिय थीं। जांच में पता चला कि आरोपियों ने ऐसे अकाउंट्स पर नजर रखी थी और इन महिलाओं के सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड की गई तस्वीरों का इस्तेमाल उनकी सहमति के बिना अवैध और अनैतिक ऑनलाइन नीलामी के लिए किया था। इस तरह की नीलामी 'बुली बाई ऐप' के साथ-साथ ट्विटर पर भी की गई, जहां आरोपी ने खुद को सिख समुदाय से संबंधित बताया और दो समुदायों के बीच विवाद पैदा करने के प्रयास में मुस्लिम महिलाओं को निशाना बनाया।

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बुली बाई ऐप केस के 6 आरोपी 

1- इस मामले में पुलिस ने पहली गिरफ्तारी बेंगलुरू से की। कुमार विशाल नाम का 18 वर्षीय छात्र पुलिस की पकड़ में आया। 
2- दूसरी गिरफ्तारी इसी दिन उत्तराखंड से श्वेता अनंतपाल सिंह की हुई।

3- इस मामले में तीसरी गिरफ्तारी मयंक प्रदीप सिंह रावत की हुई। यह 5 जनवरी को उत्तराखंड से पकड़ा गया। 

4- 20 जनवरी को 20 वर्षीय नीरज दशरथ बिश्नोई पकड़ा गया। उसे असम से दबोचा गया था। 

5- 20 जनवरी को ही मध्यप्रदेश के इंदौर से ओंकारेश्वर ठाकुर को पकड़ा गया। 26 वर्षीय ओंकारेश्वर ठाकुर इंजीनियरिंग का छात्र है।  

6- 21 जनवरी को ओडिशा से नीरज कमार सिंह को गिरफ्तार किया गया।  

जांच के साथ बढ़ती गईं धाराएं
मामले की Fir में आरोपी पर सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act)की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप में अश्लील सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना) और भारतीय दंड संहिता के कई प्रावधानों को जोड़ा गया। बाद में कुछ धाराएं और बढ़ाई गईं। जांच के दौरान यह पता चला कि आरोपी श्वेता सिंह, रावत, बिश्नोई और नीरज सिंह एक-दूसरे के संपर्क में थे। अपराध के बाद इन्होंने सबूत मिटाने के लिए कंप्यूटर से डेटा भी हटाया। 
चार्जशीट में यह भी बताया गया है मुंबई और दिल्ली में पुलिस मामले की जांच कर रही है। उसका प्रतिनिधित्व विशेष लोक अभियोजकों द्वारा किया जाएगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कानूनी विशेषज्ञता और तकनीकी जानकारी के साथ महत्वपूर्ण और संवेदनशील मामले को सामने रखा जा सके।

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