राकेश टिकैत सहित 6 किसान नेताओं पर FIR दर्ज, दंगे में घायल पुलिसवालों ने बताई पूरी कहानी

दिल्ली में 26 जनवरी के दिन हिंसा की घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत का नाम शामिल है। राकेश टिकैत के अलावा दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह का नाम है। पुलिस ने इन नेताओं पर किसान टैक्टर रैली से जुड़े एनओसी के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

Asianet News Hindi | Published : Jan 27, 2021 9:55 AM IST / Updated: Jan 27 2021, 06:56 PM IST

नई दिल्ली. दिल्ली में 26 जनवरी के दिन हिंसा की घटना के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है, जिसमें बीकेयू के प्रवक्ता राकेश टिकैत का नाम शामिल है। राकेश टिकैत के अलावा दर्शन पाल, राजिंदर सिंह, बलबीर सिंह राजेवाल, बूटा सिंह बुर्जगिल और जोगिंदर सिंह का नाम है। पुलिस ने इन नेताओं पर किसान टैक्टर रैली से जुड़े एनओसी के उल्लंघन का आरोप लगाया है।

हिरासत में 200 आरोपी
दिल्ली पुलिस ने कहा, दिल्ली पुलिस ने कल शहर में किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा के संबंध में 200 लोगों को हिरासत में लिया। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। 

क्राइम ब्रांच कर रही जांच
दिल्ली पुलिस ने कल की हिंसा को लेकर IPC की धारा 395 (डकैत), 397 (लूट या डकैत, मारने या चोट पहुंचाने की कोशिश), 120 बी (आपराधिक साजिश की सजा) और अन्य धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है। क्राइम ब्रांच द्वारा जांच की जा रही है। 

घायल पुलिसवालों ने क्या कहा?
किसान हिंसा के दौरान मोहन गॉर्डन में घायल एसएचओ बलजीत सिंह ने कहा, नजफगढ़ रोड पर हमने बैरिकेड से रास्ता रोका था। किसान प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर नजफगढ़ की तरफ से आए। उन्होंने बैरिकेड तोड़ दिया और पथराव शुरू कर दिया। वे बहुत हिंसक थे और उनके पास हर तरह के हथियार थे। कई ने शराब भी पी थी।

किसानों के हमले में घायल हुए डीसीपी उत्तर के ऑपरेटर संदीप ने कहा, हम लाल किले पर गणतंत्र दिवस की ड्यूटी पर थे। वहां एक उग्र भींड आई और उन्होंने अचानक लाठी-डंडे और जो भी हथियार उनके पास थे उनसे हमला कर दिया। स्थिति इतनी बिगड़ गई थी कि पुलिस को बहुत मशक्कत करनी पड़ी।

26 जनवरी के दिन क्या-क्या हुआ?
कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसानों ने 26 जनवरी के दिन ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति मांगी थी। दिल्ली पुलिस ने उन्हें तीन रास्तों से ट्रैक्टर मार्च निकालने की अनुमति दे दी। शर्त थी कि जवानों की परेड होने बाद 12 बजे से किसान दिल्ली में तीन तय रास्तों से दाखिल हो सकते हैं, लेकिन किसानों ने तय शर्त तोड़ दी। 

किसानों ने कौन-कौन सी शर्त तोड़ी?
पहला तो वे तय वक्त से पहले ही दिल्ली में दाखिल हुए, दूसरा वे तय रास्तों के अलावा दूसरे रास्तों से आए। ऐसे में पुलिस और किसानों के बीच विवाद हुआ। किसानों ने कई जगहों पर पुलिस बैरिकेड्स तोड़ दिए। ITO पर किसानों ने पुलिसवालों पर ट्रैक्टर चढ़ाने की कोशिश की। इसके बाद प्रदर्शनकारी लालकिले तक पहुंच गए और वहां पर अपना झंडा फहराया। 

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