यस बैंक के संस्थापक और पूर्व सीईओ राणा कपूर के खिलाफ सरकार ने कार्यवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार की रात ED की टीम ने उनके मुंबई स्थित निवास पर छापेमारी की और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया।
मुंबई. यस बैंक के संस्थापक और पूर्व सीईओ राणा कपूर के खिलाफ सरकार ने कार्यवाई शुरू कर दी है। शुक्रवार की रात ED की टीम ने उनके मुंबई स्थित निवास पर छापेमारी की और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया। इससे पहले साल 2018 में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने उन्हें यस बैंक के सीईओ पद से हटने को कहा था और हालात ना सुधरने पर हाल ही में इस बैंक के ऊसपर सरकार ने अपना शिकंजा कस दिया है। बैंक में खाता रखने वाले ग्राहकों के लिए भी पैसे निकालने की सीमा एक दिन के लिए 50 हजार कर दी गई है।
राणा कपूर के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी कर दिया गया है। देश के सभी एयरपोर्ट में उनके बारे में जानकारी दे दी गई है। उनके आवागमन पर अस सरकार निगरानी रखेगी ताकि कपूर देश से बाहर ना भाग पाएं। उनके पूरे घर की तलाशी ली गई है। अब सरकार अपने तरीके से यस बैंक के साथ निपटेगी और जनता का पैसा निकालने की कोशिश करेगी। इस बैंक का मर्जर करने की खबरें भी सामने आ रही हैं। जिन बैंकों के साथ इस बैंक का मर्जर किया जा सकता है, उनमें स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और कोटक महिन्द्रा बैंक का नाम सामने आया है।
राणा कपूर का बयान भी दर्ज
ED की टीम ने छापा मारने के साथ राणा कपूर का बयान भी दर्ज किया है। उनसे DHFL को दिए गए लोन को पूछताछ की जा रही है। जांच अधिकारियों के मुताबिक जांच में आगे पाई जानी वाली गड़बड़ियों और बाकी चीजों को लेकर चार्टशीट बनाई जाएगी और राणा कपूर से आगे भी कई बार पूछताछ की जाएगी।
क्यों डूबा यस बैंक?
वित्त मंत्री ने कहा कि यह अचानक आया संकट नहीं है, बल्कि साल 2017 से ही इसपर निगरानी है। उन्होंने कहा, यस बैंक ने गलत लोगों को कर्ज दिया। सितंबर 2018 में बैंक ने इसके बोर्ड को बदलने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि बैंक ने लोन बांटने में लापरवाही की। इसी कारण आज बैंक की यह हालत हुई।
भारत में यस बैंक की कितने ब्रांच?
भारत में यस बैंक के 1000 से ज्यादा ब्रांच हैं और 1800 एटीएम हैं। बैंक की शुरुआत 2004 में राणा कपूर ने अपने रिश्तेदार अशोक कपूर के साथ मिलकर की। 26/11 के मुंबई हमले (2011) में अशोक कपूर की मौत हो गई। इसके बाद से ही बैंक के मालिकाना हक लेकर विवाद की शुरुआत हुई। अशोक कपूर की मौत के बाद उनकी पत्नी मधु कपूर और राणा कपूर के बीच विवाद शुरू हो गया। मधु कपूर अपनी बेटी के लिए बोर्ड में जगह चाहती थीं। मामला कोर्ट पहुंचा और राणा कपूर की जीत हुई।