सुप्रीम कोर्ट में EWS आरक्षण पर सरकार ने रखा पक्ष: EWS आरक्षण पूरी तरह से सही, किसी के अधिकारों की कटौती नहीं

आंकड़ें पेश करते हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कुल जनसंख्या 25 प्रतिशत है। सरकार ने दस प्रतिशत का आरक्षण जो EWS को दिया है उससे आरक्षण की 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा प्रभावित नहीं होती। इस तरह किसी भी दूसरे वर्ग के आरक्षण अधिकारों का हनन नहीं करता है।

नई दिल्ली। आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों (Economically weaker section) के लिए आरक्षण (reservation) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में चल रही सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने अपना पक्ष दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने एपेक्स कोर्ट में यह कहा है कि ईडब्ल्यूएस आरक्षण (Reservation for EWS) सही है। यह किसी भी आरक्षित वर्ग के अधिकारों की कटौती नहीं करता है। दरअसल, सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए दस प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण का प्रावधान किया था। इसके खिलाफ याचिका दायर की गई थी। सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ इस मामले को देख रही है। मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से अटार्नी जनरल ने दलीलें रखीं। 

संविधान पीठ में शामिल हैं ये लोग

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भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित, जस्टिस दिनेश माहेश्वरी, जस्टिस एस.रविंद्र भट, जस्टिस बेला एम.त्रिवेदी, जस्टिस जेबी पारदीवाला, ईडब्ल्यूएस आरक्षाण की संवैधानिक वैधता की चुनौती देने वाली संविधान पीठ में शामिल हैं। 

क्या दलीलें दीं अटार्नी जनरल वेणुगोपाल ने?

केंद्र की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने ईडब्ल्यूएस को लेकर अपनी दलीलें सुप्रीम कोर्ट के सामने रखी। वेणुगोपाल ने कहा कि 103वां संविधान संशोधन समाज के कमजोर वर्गों के लिए सक्षम प्रावधानों की एक श्रृंखला स्थापित करने के लिए लाया गया है। EWS कोटा SC/ ST वर्ग के अधिकारों में कटौती नहीं करता है। यह पूरी तरह से सही है। एजी ने कहा कि एससी, एसटी और ओबीसी सहित प्रत्येक वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर लोग हैं। हालांकि, अगड़ी जातियों व सामान्य श्रेणी के लोगों में भी आर्थिक रूप से बेहद कमजोर लोग हैं। उनका पूरा जीवन बेहद गरीबी में है। EWS को दस प्रतिशत आरक्षण देकर केंद्र सरकार ने कमजोर वर्गों में सकरात्मक कार्रवाई करने का काम किया है। इसका लाभ समाज एक कमजोर वर्ग के उत्थान में मिलेगा।

50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा को भी प्रभावित नहीं करता

आंकड़ें पेश करते हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि देश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की कुल जनसंख्या 25 प्रतिशत है। 18.2 प्रतिशत सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर हैं। सरकार ने दस प्रतिशत का आरक्षण जो EWS को दिया है उससे आरक्षण की 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा प्रभावित नहीं होती। इस तरह किसी भी दूसरे वर्ग के आरक्षण अधिकारों का हनन नहीं करता है। EWS आरक्षण 50% से स्वतंत्र है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि SC/ ST को  पदोन्नति में भी आरक्षण दिया जा रहा है। इस वर्ग को पंचायत में , नगर पालिकाओं में, लोक सभा में, विधानसभा में आरक्षण प्रदान किया गया है।

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