37 साल बाद पिता के बाद बेटा भी बनेगा CJI, यूयू ललित ने की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस आफ (CJI)  होंगे। CJI यूयू ललित ने कानून मंत्री किरन रिजिजू को उनके नाम की सिफारिश की है। ललित 8 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं। यानी जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर को CJI के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। 

नई दिल्ली. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50वें चीफ जस्टिस आफ (CJI)  होंगे। CJI यूयू ललित ने कानून मंत्री किरन रिजिजू को उनके नाम की सिफारिश की है। ललित 8 नवंबर को रिटायर होने जा रहे हैं। यानी जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर को CJI के रूप में शपथ ग्रहण करेंगे। CJI ललित ने मंगलवार(11अक्टूबर) की सुबह SC के जजों की उपस्थिति में पर्सनली जस्टिस चंद्रचूड़ को अपने पत्र की एक कॉपी सौंपी। यह पहला मौका है, जब पिता के बाद बेटा CJI बनेगा। जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ देश के 16वें CJI थे। उनका कार्यकाल 22 फरवरी, 1978 से 11 जुलाई, 1985 तक मतलब करीब 7 साल तक रहा था। अब 37 साल बाद उनका बेटा इसी पद पर बैठने जा रहा है। यह भी दिलचस्प है कि बेटा यानी जस्टिस चंद्रचूड़ अपने पिता के 2 बड़े फैसलों को SC में पलट चुके हैं। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल 9 नवंबर, 2022 से 10 नवंबर, 2024 तक यानी 2 साल का रहेगा।

पिता ने की बतौर CJI सबसे लंबे समय तक सुप्रीम कोर्ट में सेवा
13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में पदोन्नत जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता वाईपी चंद्रचूड़ सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले CJI रहे हैं। बता दें कि 7 अक्टूबर को सरकार ने CJI ललित को एक पत्र भेजा था, जिसमें उनसे अपने उत्तराधिकारी की सिफारिश करने के लिए कहा गया था। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के जज 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। वहीं, हाईकोर्ट के जज की रिटायर होने की उम्र 62 साल है। जस्टिस ललित दूसरे CJI हैं, जिन्हें बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट बेंच में प्रोन्नत किया गया है। जस्टिस एस एम सीकरी मार्च 1964 में सीधे शीर्ष अदालत की बेंच में पदोन्नत होने वाले पहले वकील थे। सीकरी जनवरी 1971 में 13वें CJI बने थे। 

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हार्वर्ड से लॉ में मास्‍टर्स हैं जस्टिस चंद्रचूड़
जस्टिस चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था। उनका पूरा नाम धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ है। वर्तमान में वे सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज हैं। जस्टिस चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से एलएलबी (LLB) की पढ़ाई की है। इसके बाद उन्हें InLaks स्‍कॉलरशिप मिली और वे लॉ में मास्‍टर्स (LLM) करने हार्वर्ड चले गए। यहीं से उन्होंने न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट (SJD) की डिग्री भी ली। जस्टिस चंद्रचूड़ ऑस्‍ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्‍कूल, Yale लॉ स्‍कूल और साउथ अफ्रीका के University of Witwatersrand में लेक्‍चर्स भी दे चुके हैं। बता दें कि कानून मंत्री किरन रिजिजू ने 7 अक्टूबर को CJI ललित को चिट्‌ठी लिखकर उनसे उनके उत्तराधिकारी का नाम बताने की अपील की थी। परंपरा है कि मौजूदा CJI अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश तभी करते हैं, जब उन्हें कानून मंत्रालय से ऐसा करने का आग्रह होता है।

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ अपने पिता के 2 बड़े फैसले पलट चुके हैं
जस्टिस चंद्रचूड़ फैसला लेने के मामले में सख्त माने जाते हैं। वे अपने पिता के दो फैसले पलट चुके हैं। इन्होंने 2017-18 में पिता के दिए दो फैसले एडल्टरी लॉ और शिवकांत शुक्ला वर्सेज एडीएम जबलपुर के फैसले को पलटा था।

जस्टिस का हालिया बड़ा फैसला नोएडा में सुपरटेक के दोनों टावर 28 अगस्त को गिराने वाला था। 31 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने टावरों को तोड़ने का आदेश दिए था। इनके निर्माण में नेशनल बिल्डिंग कोड के नियमों का उल्लंघन हुआ था।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाल में एक बड़ा फैसला दिया है। अब सभी महिलाओं को गर्भपात का अधिकार दिया गया है। वे विवाहित हों या अविवाहित। कोर्ट ने कहा कि मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी एक्ट के तहत 22 से 24 हफ्ते तक गर्भपात का हक सभी को है। इस बेंच की अगुआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने की थी।

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