क्या होता है Coal Miners Day, जानें इसका इतिहास, महत्व और भारत के निर्माण में कोयला खनिकों का योगदान

Coal miners day 2022: हर साल 4 मई को कोयला खनिक दिवस मनाया जाता है। आइए आज आपको बताते हैं कि इसे मनाने के पीछे की वजह क्या है और इस दिन का महत्व क्या है?

Asianet News Hindi | Published : May 3, 2022 6:52 AM IST

नेशनल डेस्क : भारत एक ऐसा देश है जहां पर खनिज पदार्थों की कमी नहीं है। देश की धरती सोना उगलती है, लेकिन इस सोने को तराशने के लिए खदानों में हजारों-लाखों मजदूरों को दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। उन्हीं नायकों की मेहनत की सराहना करने के लिए हर साल 4 मई को कोयला खनिक दिवस (Coal miners day 2022) मनाया जाता है। इस दिन औद्योगिक क्रांति के कुछ महान नायकों को याद किया जाता है और सुरंग बनाने से लेकर खदानों को खोजने और निकालने तक के उनके कामों को याद किया जाता है। आइए आज हम आपको बताते हैं इस दिन का इतिहास और इसे मनाने के पीछे की वजह...

कोयला खनिक दिवस का इतिहास
कोयला एक प्राकृतिक संसाधन है, लेकिन इसे बनाने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। भारत में कोयला खनन की शुरुआत 1774 में हुई जब ईस्ट इंडिया कंपनी के जॉन समर और सुएटोनियस ग्रांट हीटली ने दामोदर नदी के पश्चिम किनारे के साथ रानीगंज कोल फील्ड में वाणिज्यिक की खोज की। इस दौरान देश में 1760 और 1840 के बीच औद्योगिक क्रांति चली थी। जिसमें कोयले का उपयोग बड़े पैमाने पर ईंधन और लोकोमोटिव इंजन और गर्मी इमारतों में किया गया। इसके बाद 1853 में रेलवे लोकोमोटिव की शुरुआत के बाद कोयले की मांग बढ़ गई। हालांकि, इस दौरान कोयला खदानों में मजदूरों के शोषण और नरसंहार की कई घटना हुई। 

क्यों मनायाा जाता है कोल खनिक दिवस
देश में स्वतंत्रता के बाद 1773 में पहली पहली पंचवर्षीय योजना के तहत कोयला उत्पादन को 33 मिलियन टन प्रतिवर्ष तक बढ़ाया गया और इस दौरान कोयला उद्योग को बढ़ाने और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ये दिन कोल खनिक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

कोल इंडिया लिमिटेड का गठन
भारत में 1971 में कोकिंग कोल लिमिटेड (BCCL) और कोल माइन्स अथॉरिटी लिमिटेड (CMAL) ने कोयला खदानों का प्रबंधन संभाला। इसके बाद 1975 में दोनों कंपनी के विलय होने के चलते देश में कोल इंडिया लिमिटेड का गठन किया। जिसमें भारत के राज्य- उड़ीसा, झारखंड, वेस्ट बंगाल, छत्तीसगढ़ और केंद्र और दक्षिण के कुछ हिस्सों में कोल सप्लायर्स सबसे ज्यादा मौजूद है।

कोयला खनिज भारत की इकोनामी का बड़ा हिस्सा
कोल इंडस्ट्री ने भारत की इकोनामी में बहुत बड़ा रोल निभाया है। स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार ने माइनिंग इंडस्ट्री पर और ज्यादा फोकस किया। वर्तमान में भारत कोयला, तेल, प्राकृतिक गैस, मैटेलिक और नॉन मैटेलिक मिनरल्स जैसे बॉक्साइट, डोलोमाइट, फ्लोरस्पार, जिप्सम, लौह अयस्क, आयरन, पत्थर, तांबा, अभ्रक और जस्ता जैसी धातु भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा है और भारत की इकोनामी में भी इसमें योगदान दिया है।

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