राहुल समेत 5 नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की, कहा- किसान समझ गया, मोदी सरकार ने उन्हें धोखा दिया

कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 14 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच किसानों के मुद्दे को लेकर विपक्ष के पांच नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। राहुल गांधी, शरद पवार और सीताराम येचुरी समेत 5 नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकत कर कृषि बिलों पर चर्चा की। 

Asianet News Hindi | Published : Dec 9, 2020 11:14 AM IST / Updated: Dec 09 2020, 06:45 PM IST

नई दिल्ली. कृषि कानूनों के खिलाफ किसान 14 दिन से आंदोलन कर रहे हैं। इस बीच किसानों के मुद्दे को लेकर विपक्ष के पांच नेताओं ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की। राहुल गांधी, शरद पवार और सीताराम येचुरी समेत 5 नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकत कर कृषि बिलों पर चर्चा की। 

मुलाकात के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा, किसानों को सरकार पर भरोसा नहीं है। सरकार के कृषि कानून किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि हमने राष्ट्रपति से कृषि कानूनों को वापस लेने का आग्रह किया है। सीपीआई-एम के नेता सीताराम येचुरी ने कहा, हमने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा है। हमने राष्ट्रपति से कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल वापस लेने का अनुरोध किया है।

राष्ट्रपति से मिलने से पहले सीपीआई-एम नेता सीताराम येचुरी ने कहा, 25 से अधिक विपक्षी दलों ने तीन कानूनों को वापस लेने की मांग के प्रति अपना समर्थन दिया है। ये कानून भारत के हित में नहीं हैं और इससे हमारी खाद्य सुरक्षा को भी खतरा है। 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करने वाले नेताओं में शरद पवार, राहुल गांधी, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, सीपीआई महासचिव डी राजा और डीएमके नेता टी के एस इलेनगोवन हैं। 

कोरोना की वजह से सिर्फ 5 नेताओं को अनुमति

सीपीएम नेता सीताराम येचुरी ने बताया कि विपक्षी नेता कोरोना प्रोटोकॉल की वजह से सिर्फ पांच नेताओं को राष्ट्रपति से मुलाकात की इजाजत दी गई है। इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि राष्ट्रपति से मुलाकात से पहले विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता तीनों कृषि कानूनों पर चर्चा कर सामूहिक रुख अपनाएंगे।

बैठक में शामिल होने वाली सभी पार्टियां कर चुकी हैं भारत बंद का समर्थन

कृषि कानूनों के मुद्दे पर राष्ट्रपति से मुलाकात करने वाले प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी पार्टियां भारत बंद का समर्थन कर चुकी हैं। दरअसल, भाजपा ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर निशाना साधते हुए कहा था कि यूपीए सरकार में कृषि मंत्री के तौर पर शरद पवार ने राज्यों को एपीएमसी कानून में संशोधन करने को कहा था। पवार ने राज्यों को आगाह किया था कि अगर सुधार नहीं किए गए, तो केंद्र की तरफ से वित्तीय सहायता नहीं दी जाएगी। लेकिन अब पवार खुद विरोध कर रहे हैं।

Share this article
click me!