मानसून सत्र: कांग्रेस उठाएगी महंगाई-किसान आंदोलन का मुद्दा, पॉर्लियामेंट्री कमेटी की बैठक में अधीर को अभयदान

संसद के मानसून सत्र की तैयारियों के मद्देनजर आज कांग्रेस पॉर्लियामेंट्री कमेटी की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की. बैठक में जनपक्षधर मुद्दों को उठाने का निर्णय लिया गया.

Asianet News Hindi | Published : Jul 14, 2021 2:35 AM IST / Updated: Jul 14 2021, 11:16 PM IST

नई दिल्ली. मानसून सत्र की तैयारियों के सिलसिले में आज कांग्रेस पार्लियामेंट्री कमेटी की बैठक हुई है। इसकी अध्यक्षता सोनिया गांधी ने की। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के लोकसभा में नेता अधीर रंजन चौधरी को अभयदान मिल गया. उनके हटाए जाने की अटकलों को विराम लग गया. पार्टी की संसदीय कमेटी ने तय किया कि महंगाई, पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, किसान आंदोलन का मुद्दा सदन में उठाएगी. मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा।

बंगाल में कांग्रेस की फजीहत बनी कारण
अधीर रंजन चौधरी पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से सांसद हैं। वह विधानसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कांग्रेस का चेहरा थे और राज्य कांग्रेस के प्रमुख हैं। चौधरी को हटाने की अटकलों को कांग्रेस द्वारा तृणमूल कांग्रेस के साथ बेहतर संबंध बनाना और संसद में भाजपा और मोदी सरकार को घेरने के लिए एक साथ आने के रूप में देखा जा रहा था। हालांकि, कांग्रेस नेतृत्व ने अधीर रंजन चौधरी को हटाने की कार्रवाई नहीं कर सारी अटकलों को विराम लगा दिया है.

Latest Videos

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों में वाम दलों के साथ गठबंधन कर तृणमूल के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, वहीं, केंद्रीय नेतृत्व ने मुख्य रूप से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करने से परहेज किया था। ममता की जीत पर उन्हें बधाई भी दी थी। अधीर रंजन चौधरी, ममता बनर्जी के कट्टर विरोधी हैं। 

यह भी पढ़ें-Fact Check: गुजरात में आप का नमाज पढ़ने वाला पोस्टर ! जानिए क्या है सच्चाई

अधीर पर लगते रहे हैं ये आरोप
लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता के रूप में अपने दो साल के लंबे कार्यकाल में अधीर रंजन चौधरी पर तृणमूल कांग्रेस से जुड़े विपक्षी दलों के साथ कोई बैठक नहीं करने का आरोप है। टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार “चौधरी सदन में अन्य नेताओं को भेजकर कांग्रेस के स्डैंड के बारे में जानकारी देते हैं। हमने कभी एक साथ बैठक नहीं की। एक अन्य विपक्षी नेता ने कहा 16वीं लोकसभा में जब मल्लिकार्जुन खड़गे सदन में नेता प्रतिपक्ष और ज्योतिरादित्य सिंधिया मुख्य सचेतक थे तब विपक्ष का समन्वय बहुत बेहतर था।

यह भी पढ़ें-यूपी के बाद अब MP में भी जनसंख्या नियंत्रण बिल की मांग उठी, विधायक ने लिखा CM को लेटर, बताए चौंकाने वाले तथ्य

2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों में, अभिषेक सिंघवी (बंगाल से सांसद) और प्रदीप भट्टाचार्य (पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी या पीसीसी प्रमुख) जैसे राज्य के नेताओं सहित कांग्रेस के कई नेताओं ने कांग्रेस और तृणमूल के बीच गठबंधन का समर्थन किया था, लेकिन अधीर रंजन चौधरी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कट्टर विरोधी माने जाते हैं और उन्होंने ऐसी किसी भी योजना का विरोध किया था।

कई मौकों पर, तृणमूल कांग्रेस ने वर्तमान लोकसभा में कांग्रेस और इसके विपरीत बुलाई गई बैठकों को छोड़ दिया। दूसरी सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी को कांग्रेस संसदीय दल कार्यालय में राहुल गांधी की अध्यक्षता में हुई विपक्षी बैठक में आमंत्रित नहीं किया गया था। कांग्रेस के विरोध कार्यक्रम में कभी तृणमूल नजर नहीं आती तो इसी तरह, तृणमूल के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शनों में कांग्रेस की बहुत कम भागीदारी देखी गई है। 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, पांच बार की पूर्व सांसद, जब भी संसद आती थीं तो राजनीतिक लाइनों से हटकर नेता उनसे शिष्टाचार भेंट करते थे। हालांकि, चौधरी कभी नहीं आए और न ही ममता बनर्जी से मिले।

यह भी पढ़ें-'सुल्ली डील' App पर मुस्लिम लड़कियों की कथित नीलामी से बवाल, PAK मीडिया DAWN ने संघ पर किया घटिया कॉमेन्ट
 

Share this article
click me!

Latest Videos

इन 8 जगहों पर अगर किया शर्म तो बर्बाद हो जाएगा जीवन!
'जनता देगी जवाब, ये कहेंगे EVM है खराब' नायब सैनी ने किया बड़ा दावा । Haryana Election
Air Force Day: एयर शो में दिखी वायुसेना की ताकत, फाइटर जेट्स ने दिखाए करतब #Shorts
तिरुपति मंदिर प्रसादम में कीड़े? घी पर घमासान के बाद अब क्या है नया बवाल । Tirupati Anna Prasadam
नवरात्रि 2024: कन्या पूजन करते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान