24 साल बाद कांग्रेस को मिला गैर-गांधी अध्यक्ष, 7897 वोट पाकर खड़गे ने थरूर को दी एकतरफा शिकस्त

कांग्रेस को 24 साल बाद आखिरकार उसका पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को एकतरफा मुकाबले में 6825 वोटों से हरा दिया। खड़गे को जहां 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को महज 1072 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। इसके अलावा 416 वोट रिजेक्ट हो गए।

Congress President Election: कांग्रेस को 24 साल बाद आखिरकार उसका पहला गैर-गांधी अध्यक्ष मिल गया है। मल्लिकार्जुन खड़गे ने शशि थरूर को एकतरफा मुकाबले में 6825 वोटों से हरा दिया। खड़गे को जहां 7897 वोट मिले, वहीं थरूर को महज 1072 वोटों से ही संतोष करना पड़ा। इसके अलावा 416 वोट रिजेक्ट हो गए। बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव इस बार इसलिए भी खास था क्योंकि 24 साल बाद पहली बार कोई गैर-गांधी अध्यक्ष बना है। इससे पहले 1998 में सोनिया गांधी और 2017 में राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बने थे। 

137 साल के इतिहास में छठी बार हुआ चुनाव : 
कांग्रेस पार्टी की स्थापना दिसंबर, 1885 में एओ ह्यूम (Allan Octavian Hume) ने की थी। तब से अब तक 137 साल के इतिहास में ये छठा मौका है, जब कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव हुआ है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए 1939, 1950, 1977, 1997 और 2000 में चुनाव हुए हैं। बता दें कि 2022 के चुनाव के लिए सबसे पहले उम्मीदवार रहे अशोक गहलोत ने पार्टी के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन किया था। शुरुआत में अशोक गहलोत और दिग्विजय सिंह भी इस रेस में शामिल थे, लेकिन बाद में दोनों ने अपने नाम वापस ले लिए थे। 

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9 हजार प्रतिनिधियों ने चुना कांग्रेस का नया अध्यक्ष : 
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए मुख्य मुकाबला खड़गे और थरूर के बीच था। हालांकि, मल्लिकार्जुन खड़गे का पलड़ा पहले से ही ज्यादा भारी लग रहा था। दोनों ही उम्मीदवार पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग राज्यों में जाकर प्रदेश कांग्रेस इकाइयों के प्रतिनिधियों से मिलकर अपने लिए वोट मांग रहे थे। बता दें कि कांग्रेस के निर्वाचन मंडल में करीब 9,000 प्रतिनिधियों ने वोट किया था।  

बेहद कम थी थरूर के जीतने की संभावना?
इस चुनाव में शशि थरूर के जीत की संभावना बेहद कम यानी 5 परसेंट थी। वहीं, खड़गे के जीत की संभावना 95 प्रतिशत मानी जा रही थी। बता दें कि कांग्रेस में सोनिया गांधी सबसे लंबे समय तक अध्यक्ष रही हैं। वो करीब 20 साल तक इस पद पर रहीं। 

आजादी के बाद कब-कब हुए चुनाव : 
- आजादी के बाद पहली बार कांग्रेस में अध्यक्ष पद का चुनाव 1950 में हुआ था। उस वक्त पुरुषोत्तम दास टंडन और आचार्य जेबी कृपलानी के बीच मुकाबला था। तब टंडन चुनाव जीत गए थे। 
- इसके बाद 1977 में देवकांत बरुआ के इस्तीफे की वजह से कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव हुआ था, जिसमें के. ब्रह्मानंद रेड्डी ने सिद्धार्थ शंकर रे और कर्ण सिंह को हराया था। 
- फिर अगले चुनाव 1997 में चुनाव हुए और सीताराम केसरी अध्यक्ष बने। अध्यक्ष पद का अगला चुनाव 2000 में हुआ और सोनिया गांधी एक बार फिर अध्यक्ष चुन ली गईं। 

अब तक ये रहे गांधी परिवार से कांग्रेस अध्यक्ष :
आजादी के बाद सीतारमैया ने 1948 में एआईसीसी अध्यक्ष (ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी) का पद संभाला था। तब से अब तक 17 लोगों ने पार्टी की अगुवाई की है, जिनमें से 5 गांधी परिवार के मेंबर हैं। 1951 से 1954 के बीच जवाहरलाल नेहरू अध्यक्ष बने। वहीं इंदिरा गांधी 1959 में कांग्रेस अध्यक्ष बनीं। 1978 से 84 तक इंदिरा गांधी दोबारा अध्यक्ष बनीं। उनकी मृत्यु के बाद 1985 से 1991 तक उनके बेटे राजीव गांधी कांग्रेस अध्यक्ष रहे। 1998 में सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष बनीं, जो 2017 तक रहीं। इसके बाद उनके बेटे राहुल गांधी 2017 में कांग्रेस अध्यक्ष बने।  

आजादी के बाद 40 साल तक गांधी परिवार से रहा अध्यक्ष : 
सोनिया गांधी 1998 के बाद से सबसे लंबे समय तक कांग्रेस अध्यक्ष रही हैं। हालांकि, बीच में 2017 से लेकर 2019 तक राहुल गांधी को पार्टी की कमान सौंपी गई थी। देश की आजादी के बाद से बात करें तो करीब 40 साल तक कांग्रेस का नेतृत्व गांधी परिवार के पास ही रहा है।

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