मध्य प्रदेश के इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में एजुकेशन की आड़ में नकारात्मक और कट्टर इस्लामिक पढ़ाई को लेकर उठे हंगामे के बाद विवादास्पद लेखिका डॉ. फरहत खान को अरेस्ट कर लिया गया है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि उन्हें गुरुवार को महाराष्ट्र के पुणे से गिरफ्तार किया गया है।
भोपाल/इंदौर. मध्य प्रदेश के इंदौर के सरकारी लॉ कॉलेज में एजुकेशन की आड़ में नकारात्मक और कट्टर इस्लामिक पढ़ाई को लेकर उठे हंगामे के बाद विवादास्पद लेखिका डॉ. फरहत खान को अरेस्ट कर लिया गया है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विवादित किताब की लेखिका डॉ. फरहत खान को गुरुवार को महाराष्ट्र के पुणे से उस वक्त गिरफ्तार किया गया, जब वह एक अस्पताल में डायलिसिस करा रही थीं। यह गिरफ्तारी मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के राजकीय नवीन लॉ कॉलेज के पुस्तकालय में रखी उनकी किताब 'कलेक्टिव वायलेंस एंड क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम' के सिलसिले में की गई है। पढ़िए क्या है विवाद?
1. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) ने आरोप लगाया था कि कानून के छात्रों को पढ़ाई जा रही किताब में हिंदू समुदाय और आरएसएस के खिलाफ अत्यधिक आपत्तिजनक सामग्री है।
2. पुलिस के मुताबिक, खान किडनी की गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं और उन्हें नियमित रूप से डायलिसिस की जरूरत पड़ती है। मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मीडिया से कहा, "विवादास्पद लेखिका फरहत खान को पुणे में तब गिरफ्तार किया गया, जब वह वहां के एक अस्पताल में डायलिसिस करा रही थीं। उन्हें इस केस से संबंधित डाक्यूमेंट भी सौंपे गए।"
3. गृहमंत्री मंत्री ने बिना विस्तार से बताया कि अधिकारियों ने एक अन्य किताब से संबंधित शिकायतों की भी जांच शुरू कर दी है और अगर कोई आपत्तिजनक सामग्री मिलती है, तो उसे भी इसी मामले से जोड़ा जाएगा।
4. 3 दिसंबर को इंदौर स्थित कॉलेज के एलएलएम छात्र और एबीवीपी नेता लकी आदिवाल (28) ने लेखक खान, पुस्तक के प्रकाशक अमर लॉ पब्लिकेशन, संस्था के प्रिंसिपल डॉ. इनाम-उर-रहमान और प्रोफेसर मिर्जा मोजिज बेग के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
5. इससे पहले, एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इंदौर पुलिस ने लेखिका खान को पुणे में खोज निकाला था और उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) के संबंधित प्रावधानों के तहत नोटिस दिया गया था।
6. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) राजेश कुमार सिंह ने कहा, "विवादास्पद पुस्तक के मुद्दे पर पांच दिन पहले मामला दर्ज करने के बाद, हम डॉ. फरहत खान की तलाश कर रहे थे और महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में स्थानों पर टीमें भेजी थीं। लीड के आधार पर, हमने उसे पुणे में खोजा और उन्हें CRPC नोटिस दिया। इसके अनुसार उन्हें जांच में सहयोग करने और चार्जशीट जमा करने के समय अदालत में मौजूद रहने के लिए कहा गया है।"
7. डीसीपी ने कहा कि जब वह इंदौर से पुणे गई थीं, उस समय भी महाराष्ट्र सीमा पर सेंधवा शहर के एक अस्पताल में उनाका डायलिसिस हुआ था।
8. एबीवीपी ने आरोप लगाया था कि पुस्तक में हिंदुओं, आरएसएस के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री है और धार्मिक घृणा को बढ़ावा देती है।
9. राज्य हायर एजुकेशन डिपार्टमेंट ने मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय समिति का गठन किया था। समिति के एक सदस्य ने कहा कि पैनल ने 250 छात्रों और शिक्षकों के बयान दर्ज किए हैं। डिपार्टमेंट के कमिश्नर कर्मवीर शर्मा ने बुधवार को कहा था कि समिति ने अभी तक अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। शर्मा ने कहा कि जांच रिपोर्ट के आधार पर मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
10. मंगलवार को एक स्थानीय अदालत ने इंदौर स्थित लॉ कॉलेज के प्रिंसिपल इनाम-उर-रहमान और प्रोफेसर बेग को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया। दोनों को मामले में आरोपी बनाया गया है। उनके वकील अभिनव धनोतकर ने कहा था कि जमानत खारिज करने को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में चुनौती दी जाएगी।
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