नुकसान करा सकते हैं उत्साह में दिए SC के फैसले, क्योंकि कोरोना सारी दुनिया के लिए एक नया संकट है

कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट को भी दखल देना पड़ा है। बात ऑक्सीजन की किल्लत की हो या दवाइयों या अन्य मेडिकल सुविधाओं की...या फिर वैक्सीनेशन का मुद्दा, सुप्रीम कोर्ट लगातार इन सभी मामलों में सुनवाई कर रहा है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने एक हलफनामा पेश किया है। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट के अति उत्साह में दिए फैसले से नुकसान हो सकता है। न्यायपालिका को कार्यपालिका पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि कोरोना सारी दुनिया के लिए एक नया संकट है।

Asianet News Hindi | Published : May 11, 2021 7:40 AM IST

नई दिल्ली. केंद्र सरकार का तर्क है कि ऑक्सीजन, वैक्सीनेशन और देश की स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े अन्य मामलों में सुप्रीम कोर्ट के अति उत्साही फैसले नुकसानदायक साबित हो सकते हैं। केंद्र सरकार का कहना है कि न्यायपालिका को कार्यपालिका पर भरोसा करना चाहिए, क्योंकि कोरोना सारी दुनिया के लिए एक नया संकट है। बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहे भारत की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए सुप्रीम कोर्ट को भी दखल देना पड़ा है। बात ऑक्सीजन की किल्लत की हो या दवाइयों या अन्य मेडिकल सुविधाओं की...या फिर वैक्सीनेशन का मुद्दा, सुप्रीम कोर्ट लगातार इन सभी मामलों में सुनवाई कर रहा है। इसे लेकर केंद्र सरकार ने एक हलफनामा पेश किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की टीकाकरण नीति को लेकर कुछ सवाल किए थे। पश्चिम बंगाल सरकार ने हलफनामा दायर कर राज्यों को केंद्र से शतप्रतिशत वैक्सीन फ्री देने की मांग उठाई थी।

जानें पूरा मामला...

 

हलफनामे की कुछ खास बातें...

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