राष्ट्रीय बाल आयोग ने कोरोना से अनाथ हुए बच्चों को लेकर पश्चिम बंगाल और दिल्ली को असंवेदनशील बताया

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में कई बच्चों को अपने माता-पिता खोने पड़ गए। ऐसे अनाथ हुए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई और परवरिश को लेकर कई राज्यों ने सार्थक पहल की है। लेकिन इस मामले में पश्चिम बंगाल और दिल्ली के रवैये को लेकर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग(NCPCR) ने नाराजगी जाहिर की है। आयोग ने दोनों राज्यों के रवैये को असंवेदनशील बताया है।

Asianet News Hindi | Published : Jun 7, 2021 10:30 AM IST

नई दिल्ली. कोरोना वायरस की चपेट में आकर अपने सिर से मां-बाप का छिन जाने वाले बच्चों के लिए यह समय बेहद चुनौतीभरा है। ऐसे बच्चों की परवरिश और पढ़ाई-लिखाई के लिए केंद्र सरकार के अलावा विभिन्न राज्य आगे आए हैं। लेकिन इस मामले में पश्चिम बंगाल और दिल्ली सरकार के रवैये पर सवाल उठाए गए हैं। राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग(NCPCR) ने  दोनों राज्यों के रवैये को असंवेदनशील बताया है।

न्यूज एजेंसी भाषा के अनुसार NCPCR के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने सोमवार को कहा कि कोरोना वारयरस संक्रमण के कारण अनाथ हुए बच्चों को लेकर पश्चिम बंगाल और दिल्ली की सरकारों का रवैया असंवेदनशील है। इसके पीछे दोनों राज्यों की कार्यप्रणाली को जिम्मेदार ठहराया गया है। बताया गया कि दोनों ने ऐसे बच्चों के संदर्भ में अब तक पूरी जानकारी मुहैया नहीं कराई है। कानूनगो ने कहा कि तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सभी राज्यों को बच्चों के उपचार की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित करनी चाहिए।

कई राज्यों की प्लानिंग को सराहा
NCPCR ने इस दिशा में कई राज्यों की पहल को सराहा। कानूनगो ने कहा कि अनाथ बच्चों की मदद के लिए कई राज्यों ने तेजी से काम शुरू किया है। ये राज्य युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं। साथ ही पश्चिम बंगाल और दिल्ली को लेकर निराशा जताई। समय पर जानकारी मुहैया नहीं करा पाने को कानूनगो ने असंवेदनशील रवैया कहा।

‘बाल स्वराज’ पर भेज सकते हैं जानकारी

बता दें कि NCPCR ने पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 29 मई तक विभिन्न राज्यों की ओर से उपलब्ध कराए गए डेटा के मुताबिक 9346 ऐसे बच्चे हैं, जो कोरोना महामारी के कारण बेसहारा या अनाथ हो गए या फिर मां या बाप  में से किसी एक की मौत हो गई। NCPCR ने एक वेबसाइट ‘बाल स्वराज’ शुरू की है, जहां राज्य डेटा उपलब्ध करा सकते हैं। NCPCR प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पीएम केयर्स के जरिए ऐसे बच्चों की मदद की जो घोषणा की है, उससे इन बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने और संवारने में मदद मिलेगी।

Share this article
click me!