कोरोना वायरस का भारत में पीक गुजर चुका है। केंद्र सरकार ने रविवार को इस बात का अधिकारिक ऐलान भी कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने लोगों को इस महामारी से ठंड में ज्यादा सावधानी बरतने की हिदायत दी है।
नई दिल्ली. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का भारत में पीक गुजर चुका है। केंद्र सरकार ने रविवार को इस बात का अधिकारिक ऐलान भी कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने लोगों को इस महामारी से ठंड में ज्यादा सावधानी बरतने की हिदायत दी है। बीते 17 सितंबर को देश में सबसे ज्यादा एक्टिव केस 10.17 लाख थे, हालांकि राहत की बात है कि इसके बाद से इन एक्टिव मामलों में लगातार गिरावट आ रही है। अभी देश में करीब 7.83 लाख तक एक्टिव मामले हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।
ठंड में आ सकती है दूसरी लहर
रविवार को नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया कि पिछले तीन हफ्तों में देश के ज्यादातर राज्यों में कोरोना केस और महामारी से होने वाली मौतों में गिरावट आई है, लेकिन ठंड में कोरोना की दूसरी लहर देश में आ सकती है क्योंकि सभी देशों में ऐसा देखा गया है। इसीलिए आयोग के सदस्य ने भारत के लोगों को खास तौर पर ठंड के मौ पॉल, देश में महामारी से निपटने के लिए बनाई गई समिति के चीफ हैं।
लंबा रास्ता तय करना है भारत को
पॉल ने यह भी बताया कि भारत अभी भी दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर स्थिति में है, लेकिन देश को अभी भी एक लंबा रास्ता तय करना है, क्योंकि 90% लोग अभी भी कोरोनोवायरस संक्रमण के लिए अतिसंवेदनशील हैं।
16 दिन बाद पहली बार एक दिन हुई 1000 से ज्यादा मौतें
भारत में शनिवार को 61 हजार 893 नए मामले सामने आए, इसी दौरान करीब 72 हजार 583 कोरोना मरीज ठीक भी हो गए। इसी के साथ देश में कुल मामलों का आंकड़ा 74.92 लाख हो गया है। रविवार को यह 75 लाख के पार हो जाएगा। महामारी से अब तक 65.94 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, जबकि 1.14 लाख लोग इस संक्रमण से जान गंवा चुके हैं। शनिवार को 1031 संक्रमितों की मौतें हुई। 2 अक्टूबर के बाद पहली बार शनिवार को एक दिन में मौतों का आंकड़ा 1000 के पार हुआ है।
पूरी दुनिया तक वैक्सीन पहुंचाएंगे - पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कोरोनावायरस की स्थिति और वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन की तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा, 'अभी बांग्लादेश, अफगानिस्तान, भूटान, मालदीव, मॉरिशस, नेपाल और श्रीलंका जैसे देशों से वैक्सीन के ट्रायल के लिए समझौते हुए हैं। लेकिन, हमें केवल यहीं तक सीमित नहीं रहना चाहिए। सभी के प्रयास से वैक्सीन आने पर पूरी दुनिया को इसका फायदा मिल सके ऐसा कुछ करना होगा।'