Corona Virus के खिलाफ पूरी शिद्दत से अपनी ड्यूटी और नैतिक दायित्व निभाने वालीं ओडिशा की आशा कार्यकर्ता मतिल्दा कुल्लू(MatildaKullu) का नाम फोर्ब्स इंडिया की डब्ल्यू पावर 2021 की लिस्ट (ForbesIndia W Power 2021 list) में शामिल किया गया है।
नई दिल्ली. Corona virus के खिलाफ लोगों को जागरूक करने और उनमें लक्षण मिलने पर टेस्टिंग के लिए भेजने की जिम्मेदारी पूरी शिद्दत से निभाने वालीं ओडिशा की आशा कार्यकर्ता मतिल्दा कुल्लू(MatildaKullu) का नाम उनके इस उल्लेखनीय योगदान के लिए फोर्ब्स इंडिया की डब्ल्यू पावर 2021 की लिस्ट (ForbesIndia W Power 2021 list) में शामिल किया गया है। ओडिशा राज्य के सुंदरगढ़ जिले की रहने वालीं 45 वर्षीय मतिल्दा कुल्लू ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया-"मैं घर का सारा काम खत्म करके फील्ड में निकल जाती हूं। मैं पहले से तय करती हूं कि आज कौन-से इलाके में जाऊंगी।
मोदी सरकार से मिली सराहना
मतिल्दा कुल्लू के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया(Dr Mansukh Mandaviya) ने भी एक tweet किया। उन्होंने साइकिल पर अपनी ड्यूटी पर जातीं मतिल्दा कुल्लू का एक फोटो शेयर करते हुए लिखा-ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले की मतील्दा कुल्लू, आशा बहन और कोविड योद्धा पर बेहद गर्व है, जिन्हें फोर्ब्सइंडिया डब्ल्यू-पावर 2021 सूची में लिस्टेड किया गया है।
मतिल्दा कहती हैं-'कोरोना के समय लोगों का ध्यान रखना सबसे ज़्यादा कठिन था। लोगों को समझाना पड़ता था कि कैसे दूरी बनाकर रखनी है। लक्षण पता चलने पर लोगों को टेस्टिंग के लिए जबरदस्ती भेजना पड़ता था। हमें अभी 4,750 रुपये मिलते हैं, अगर काम हो तो इंसेंटिव मिलाकर 5,000-6,000 तक आ जाते हैं।'
ओमीक्रोन(Omicron) वैरिएंट का देश में एक भी केस नहीं
बता दें कि इस समय दुनिया में Corona virus के नए वैरिएंट ओमीक्रोन(Omicron) को लेकर चिंता बढ़ी हुई है। लेकिन यह अच्छी बात है कि भारत में अभी इसका एक भी केस सामने नहीं आया है। यह जानकारी संसद के शीतकालीन सत्र(Parliament Winter Session) के दौरान 30 नवंबर को राज्यसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया(Dr Mansukh Mandaviya) ने दी। बता दें कि महाराष्ट्र और कर्नाटक में 2 कोरोना संक्रमितों में ओमीक्रोन होने की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन ऐसा नहीं निकला।
वैक्सीन की दोनों डोज लेने पर खतरा कम
Corona के नए वैरिएंट ओमीक्रोन(Omicron)को लेकर भी विशेषज्ञ यह बात कहते आ रहे हैं कि जिन्होंने भी वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली हैं, उनके लिए खतरे की कोई बात नहीं है। 30 नवंबर को संसद (Parliament) में बताया कि 2 से 17 साल की उम्र तक के बच्चों को वैक्सीनेट (Vaccination) करने की प्रक्रिया जारी है। कोवैक्सीन (Covaxin) के इमरजेंसी इस्तेमाल की प्रक्रिया पूरी करने के लिए एक्सपर्ट कमेटी (Expert Commitee) ने कंपनी से अतिरिक्त जानकारी मांगी है। इधर, कोविड टास्क फोर्स (Covid Task Force) के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा ने कहा कि 18 साल की उम्र से नीचे 44 करोड़ बच्चों की इम्यूनिटी बढ़ाने की योजना जल्द ही देश के सामने रखी जाएगी। उन्होंने कहा कि वैक्सीन की प्राथमिकता पर काम हो रहा है। इसके जरिये हम जिन्हें पहले जरूरत है, उन्हें वैक्सीन लगा सकेंगे। उसके बाद स्वस्थ्य बच्चों को कोरोना का टीका दिया जाएगा।
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