Air Pollution: दिल्ली की हवा अभी भी खराब; AQI 232 दर्ज, 7 दिन पहले पूर्वानुमान लगाने की योजना पर हो रहा काम

मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली में वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) में मामूली कमी आई है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शुक्रवार को 232 (खराब श्रेणी में) दर्ज किया गया। इस बीच हवाओं की स्पीड बढ़ने से प्रदूषण में और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

नई दिल्ली.मौसम में बदलाव के चलते दिल्ली में वायु प्रदूषण(Delhi air pollution) में मामूली कमी आई है। SAFAR के मुताबिक दिल्ली की वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शुक्रवार को 232 (खराब श्रेणी में) दर्ज किया गया। इस बीच हवाओं की स्पीड बढ़ने से प्रदूषण में और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के पूर्वानुमान के अनुसार, 19-20 फरवरी को दिल्ली में तेज हवाएं चल सकती हैं। इन हवाओं के कारण प्रदूषण में और कमी आ सकती है।

IIT के साथ मिलकर दिल्ली सरकार रोकेगी प्रदूषण
दिल्ली में दिवाली के समय से ही हवा की गुणवत्ता खराब बनी हुई है। इस दिशा में सुप्रीम कोर्ट तक को दखल देना पड़ा था। इस बीच खबर है कि दिल्ली सरकार IIT दिल्ली और IIT कानपुर के साथ मिलकर वायु प्रदूषण रोकने की दिशा में कार्ययोजना तैयार करेगी। इससे 7 दिनों की प्रति घंटे के आधार पर प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा। इस संबंध में दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) और दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग ने आईआईटी कानपुर और आईआईटी दिल्ली के साथ एक बैठक की थी। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक, इसे लेकर अध्ययन किया जा रहा है। इस योजना के आधार पर पूर्वानुमान मिलने से स्कूल बंदर करने, निर्माण स्थलों पर पाबंदी लगाने सहित कई निर्णय समय पर लिए जा सकेंगे।

Latest Videos

क्या है एयर क्वालिटी इंडेक्स
वायु प्रदूषण का मतलब हवा में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य गैसों व धूलकणों के विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा तय किए गए मापदंड से अधिक होना है। वायु प्रदूषण के सूचकांक को संख्या में बदलकर एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाया जाता है। इससे पता चलता है कि हवा कितनी शुद्ध या खराब है। एयर क्वालिटी इंडेक्स के छह कैटेगरी हैं।

अच्छा (0–50)- इसका मतलब है कि हवा साफ है। इससे सेहत पर खराब असर नहीं पड़ेगा। 

संतोषजनक (51–100)- संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली दिक्कत हो सकती है।

मध्यम प्रदूषित (101–200)- अस्थमा जैसे फेफड़े की बीमारी वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों, बच्चों और बुजुर्गों को परेशानी हो सकती है। 

खराब (201–300)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है। हृदय रोग वाले लोगों को परेशानी हो सकती है।

बहुत खराब (301–400)- लंबे समय तक संपर्क में रहने वाले लोगों में सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और हृदय रोग वाले लोगों में प्रभाव अधिक स्पष्ट हो सकता है।

गंभीर रूप से खराब  (401-500) - स्वस्थ लोगों में भी श्वसन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।

यह भी पढ़ें
दुर्लभ मछली : वैज्ञानिकों ने गहरे समुद्र से खोज निकाली बेबी घोस्ट शार्क, देखकर दंग रह जाएंगे आप
अजब-गजब: कश्मीर में हुई अनोखी घटना, पहाड़ से निकली नदी बीच रास्ते में हुई गायब, खोजने के लिए सरकार ने बनाई टीम
लोग मजबूरी में खाते हैं इंसानी मांस, मिलेंगी दुनिया की सबसे खुबसूरत लड़कियां, पढ़ें यूक्रेन से जुड़े रोचक तथ्य
15 हजार फीट की ऊंचाई, घुटनों तक जमी बर्फ को चीरकर कैसे हिमालय की निगरानी करते हैं ITBP जवान, देखें वीडियो

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: बाबा साहेब का अपमान नहीं होगा सहन , गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बर्खास्तगी की उठी मांग'
Devendra Fadnavis के लिए आया नया सिरदर्द! अब यहां भिड़ गए Eknath Shinde और Ajit Pawar