सार
Sink Hole In Jammu-Kashmir: जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के कोकरनाग के वांदेवलगाम इलाके में एक पहाड़ से निकली नदी के बीचों-बीच सिंकहोल बन गया।
ट्रेंडिंग डेस्क: अक्सर हमारे आसपास कुछ ऐसी घटनाएं होती हैं जो हमें अचंभित कर देती है और हम सोचने पर मजबूर हो जाते हैं कि आखिर ऐसा हुआ तो हुआ कैसे? कुछ इसी तरह की घटना जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के अनंतनाग (Anantnag) में हुई। जहां अचानक एक बहती नदी में बड़ा सा गड्ढा बन गया और उसमें पहाड़ी से बहती हुई पूरी नदी समा गई। इतना ही नहीं इस गड्ढे में डूबने से हजारों ट्राउट मछलियों की मौत की आशंका भी जताई जा रही है। आइए आपको बताते हैं कि यह बड़ा सा गड्ढा बना कैसे और कैसे इसके चलते लोगों में दहशत फैल गई है...
क्या है पूरी घटना
यह घटना जम्मू कश्मीर के अनंतनाग के कोकरनाग के वांदेवलगाम इलाके की है, जहां 11 फरवरी 2022 को पहाड़ पर बहती हुई नदी में एक बड़ा सिंकहोल (Sink Hole) बन गया है। जिससे बड़ा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि इसमें लगातार पहाड़ी का पानी समाता जा रहा है और कई हजारों मछलियां भी इसमें डूब चुकी है। पिछले हफ्ते अधिकारियों ने बताया था कि इस सिंकहोल में पहाड़ी का लगभग 50 क्यूसेक पानी समा चुका है।
इस घटना को देखते हुए अधिकारियों ने बुधवार को मीडियाकर्मियों को अनंतनाग के कोकरनाग के वांदेवलगाम इलाके में सिंकहोल के करीब जाने के खिलाफ चेतावनी दी, यह भले ही आम जनता को आकर्षित कर रहा है, लेकिन ये सभी के लिए खतरनाक है।
वहीं, अनंतनाग के डिप्टी कमिश्नर डॉक्टर पीयूष सिंगला ने ट्विटर के माध्यम से लोगों को बताया कि सिंक होल हमारे क्षेत्रों की विशिष्ट KARST टोपोग्राफी का होने का संकेत देता है। लेकिन, घबराने की जरूरत नहीं है। कश्मीर विश्वविद्यालय और भूविज्ञान विभाग के विशेषज्ञ इसपर रिसर्च कर रहे हैं और अस्थाई डायवर्जन कार्य किए जा रहे हैं।
क्या कहते है एक्सपर्ट्स
जम्मू-कश्मीर के बाढ़ और सिंचाई विभाग और भूविज्ञान और खनन विभाग के कई विशेषज्ञों का मानना था कि धारा में लंबवत छेद एक प्राकृतिक घटना है। यह जल निकाय में चूना पत्थर चट्टानों के क्रमिक विघटन के कारण विकसित एक प्राकृतिक घटना है। हालांकि, इस तरह के दावों का खंडन करते हुए, कई विशेषज्ञों ने दावा किया कि इस ये गड्ढा जलवायु परिवर्तन के कारण हुआ है।
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